अपडेटेड 21 March 2024 at 12:43 IST

Bihar: RJD-कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगी लोकसभा चुनाव, महागठबंधन सीट शेयरिंग में कहां फंस रहा पेच?

बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं और इनमें से 4 सीटों पर पहले ही चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। हालांकि महागठबंधन में सीट फॉर्मूला तय नहीं हुआ है।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव | Image: ANI/File

Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतृत्व वाले गठबंधन NDA को रोकने से ज्यादा विपक्ष के लिए मौजूदा वक्त में सबसे बड़ी चुनौती सीट बंटवारे की है। कुछ यही परिस्थितियां इन दिनों बिहार में महागठबंधन के भीतर हैं। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं और इनमें से 4 सीटों पर पहले ही चरण में वोटिंग होनी है। पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग है। बुधवार, 20 मार्च 2024 से पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। हालांकि बिहार में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे पर पेच फंसा है।

महागठबंधन से नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के निकलने से बिहार के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में सारे समीकरण बदल गए। अब इन बदले हुए समीकरणों में सीट बंटवारे को सुलझाना महागठबंधन के लिए बेहद मुश्किल हो चुका है। कई बैठकों, खूब माथापच्ची और अलग-अलग फॉर्मूले... इन सबके बावजूद महागठबंधन में सीट बंटवारा नहीं हो सका है। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के नेता कई बार बात कर चुके हैं, लेकिन सहमति वाला कोई समझौता नहीं हुआ है।

महागठबंधन में कहां फंसा है पेच?

2019 में कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि राष्ट्रीय जनता दल 19 सीटों पर खड़ी हुई थी। बाकी सीटें महागठबंधन के भागीदारों को मिली थीं। मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस बिहार के अंदर 11 सीटें चाहती है। हालांकि रिपोर्ट्स बताती हैं कि राजद बिहार में कांग्रेस को 5 से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती है। इसके लिए तर्क 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नतीजों का दिया जा रहा है। इधर गठबंधन के तहत भाकपा माले की तरफ से पिछले दिनों 5 लोकसभा सीटों की मांग रखी गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाकपा माले चाहती है कि बेगूसराय सीट उसेदी जाए, जबकि कांग्रेस यहां से कन्हैया लाल को उतारना चाहती है। ऐसे में सीट समझौता एक चुनौती बन गया है।

सूत्र कहते हैं कि महागठबंधन की नजर पशुपति पारस पर टिकी हैं, जिन्होंने हाल ही में नरेंद्र मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया है। हालांकि पशुपति पारस ने एनडीए से अलग होने की घोषणा नहीं की है। ऐसे में अगर पशुपति पारस एनडीए छोड़कर आते हैं तो राजद को उन्हें सीट देनी पड़ सकती है। क्योंकि हाजीपुर सीट पर पशुपति पारस दावा ठोकते रहे हैं। इसके अलावा विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के अगले निर्णय को लेकर भी महागठबंधन में बात अटकी हुई है।

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सीटों की संख्या पर जवाब टाल रहे नेता

हां ये जरूर है कि बीच-बीच में महागठबंधन के नेता ये कह जाते हैं कि जल्द सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाएगा। पिछले दिन बुधवार को राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बताया कि बिहार में सीट बंटवारे को एक या दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने यहां तक दावा किया कि बातचीत अच्छी और सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। हालांकि सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर मनोज झा भी बात घुमा गए। सीटों की संख्या के विवरण के बारे में पूछे जाने पर मनोज झा ने कहा, 'आप संख्या के बारे में बात कर रहे हैं, हम जीतने के हिसाब से सोच रहे हैं। एक अच्छा फॉर्मूला सामने आएगा और सब कुछ तय हो जाएगा।'

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सीट बंटवारे पर राजद के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी कहते हैं- 'हम इस बात को समझते हैं हमें उम्मीदवारों की घोषणा में तेजी लाने की जरूरत है। यही कारण है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को नाम तय करने के लिए अधिकृत किया गया है ताकि ये प्रक्रिया अनावश्यक विवादों में ना फंसे।' सिद्दीकी बताते हैं कि लालू यादव को उम्मीदवारों के नाम पर तय करने और नए सहयोगियों को जोड़ने की संभावना तलाशने के लिए नियुक्त किया गया है।

बिहार में सीट बंटवारे पर NDA आगे

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीट-बंटवारे के समझौते पर पहले ही पहुंच चुका है। फॉर्मूले के तहत भारतीय जनता पार्टी 17 सीटों और सहयोगी जदयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीटों के तालमेल के मुताबिक बीजेपी को जेडीयू से एक सीट ज्यादा मिली है। सीट बंटवारे के समझौते के तहत, चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रामविलास) 5 सीटों पर और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे।

बिहार में सभी 7 चरणों में मतदान

बिहार में सात चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल, दूसरे चरण का 26 अप्रैल, तीसरे चरण का 7 मई, चौथे चरण का 13 मई, 5वें चरण का 20 मई, छठे चरण का 25 मई और 7वें चरण का मतदान 1 जून को होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।

2019 के लोकसभा चुनावों में एनडीए (बीजेपी, जदयू, लोजपा) ने 40 में से 39 सीटों पर बढ़त बनाकर जीत हासिल की थी। राजद (राष्ट्रीय जनता दल), कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) और आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) वाले गठबंधन को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। 

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 21 March 2024 at 12:35 IST