अपडेटेड 28 June 2025 at 23:14 IST
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। चुनाव आयोग के साथ-साथ राजनीतिक दलों की हलचल भी शुरू हो गई है। इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी तैयारियों में लग गए हैं। उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी ऐलान किया है कि इस बार वह सीमांचल से बाहर भी अपनी किस्मत आजमाएंगे।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध करते हुए चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मैं कह रहा हूं कि NRC में कुछ सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा उपाय हैं, इसमें वो भी नहीं है। ये बताइए कि बिहार में कितने लोगों के पास कागज हैं? BLO को इतने अधिकार क्यों दे रहे हैं? अगर किसी बिहारी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं आएगा उसको नौकरी कौन देगा? हम EC से निवेदन कर रहे हैं कि आप हमारे अभ्यावेदन पर विचार करें और एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं। इतनी जल्दी में ये काम कैसे होगा? आपने BLO को ट्रेनिंग भी नहीं दी है।"
उन्होंने कहा कि हमने अपनी पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग को एक प्रतिवेदन भेजा है और हमने अनुरोध किया है कि वे हमें विस्तृत विवरण दें, 2024 के संसद के चुनाव से पहले मतदाता सूची पर क्या सारांश कर रहे हैं? पिछली बार बिहार में यह 2003 में हुआ था जब लोकसभा चुनाव के लिए 1 साल का समय था और विधानसभा चुनाव के लिए 2 साल का समय था। अब आप कह रहे हैं कि यह सब प्रक्रिया एक महीने में समाप्त होगी। इतनी तेजी से आप BLO को प्रशिक्षण भी नहीं दे पाएंगे।
AIMIM चीफ ने कहा कि आपने BLO को इतनी खतरनाक शक्तियां दे दी हैं कि वह निर्धारित करेगा कि कोई भारत का नागरिक है या नहीं। उसको असीमित अधिकार दे दिए हैं। ये एक व्यापक मताधिकार का हनन हो सकता है। अगर वोटर लिस्ट में नाम नहीं आता है तो किसी की रोजी-रोटी पर इसका असर पड़ेगा। हम चुनाव आयोग से ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या आपके पास कोई क्वांटम रेशियो है, इस डेटा का कितने अवैध अप्रवासी हैं? आपको अपनी मां के साथ-साथ पिता का जन्मप्रमाण पत्र देना होगा। सीमांचल के इलाके साल में दो महीने बाढ़ में डूबती है जमीन कटती है, हजारों एकड़ जमीन कट जाती है और घर बह जाते हैं, कई अस्पताल बंद हो गए हैं, कई पंचायतें विलीन हो गई हैं। ये सब चीजें एक महीने में कैसे हो जाएगा?
महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा, "अख्तरुल ईमान हमारे बिहार के अध्यक्ष हैं, वो ये कोशिश कर रहे हैं, लोगों को पता नहीं है कि मैंने 5 साल पहले कोशिश की थी इनके 2 सांसदों से संसद में बात की थी। अभी भी अख्तरुल ईमान कोशिश कर रहे हैं। हम भी नहीं चाहते कि भाजपा वहां से जीते। ये उन पर निर्भर है वो अपना फैसला लेने के हकदार हैं।"
उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक पार्टी इस पर चुप है और सत्ता में आना चाह रहे हैं उनको जागना चाहिए। देखो मरने के बाद रोना बेकार है। तुम अभी राजनीतिक रूप से मरे नहीं हो, जिंदा रहने के लिए होश में आओ। अभी तक हमारे प्रदेश अध्यक्ष कोशिश कर रहे हैं कि BJP-NDA को सत्ता में आने से रोका जाए। हम अपना चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। हमने 2 विधानसभा में अपना उम्मीदवार उतार दिया है। हमारा सीमांचल के बाहर भी लड़ने का प्लान है।
पब्लिश्ड 28 June 2025 at 23:14 IST