अपडेटेड 3 May 2024 at 08:29 IST

Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी कल, नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और व्रत पारण का समय

Varuthini Ekadashi 2024 Muhurat: अगर आप 4 मई को वरुथिनी एकादशी का व्रत करने वाले हैं तो आपको इसके मुहूर्त, पूजा विधि और पारण के समय के बारे में जान लेना चाहिए।

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vishnu bhagwan
वरुथिनी एकादशी 2024 | Image: Freepik

Varuthini Ekadashi 2024: हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 और हर महीने में 2 एकादशी तिथि पड़ती हैं। जिसमें एक एकादशी तिथि कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में पड़ती है। इन्हीं एकादशी में एक एकादशी वरुथिनी एकादशी भी है, जो शनिवार, 4 मई के दिन पड़ रही है।

एकादशी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित होता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति वरुथिनी एकादशी का व्रत करता है उस पर हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। साथ ही घर-परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि रहती है।

ऐसे में अगर आप भी वरुथिनी एकादशी का व्रत करने जा रहे हैं तो आपको पूजा के शुभ मुहू्र्त से लेकर पूजा विधि और व्रत पारण के समय के बारे में जान लेना चाहिए।

वरुथिनी एकादशी 2024 पूजा मुहूर्त (Varuthini Ekadashi 2024 Puja Muhurat)

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 3 मई को रात 11 बजकर 24 मिनट से होगी जिसका समापन अगले दिन 4 मई को 8 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में शनिवार, 4 मई के दिन वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सुबह 7 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दौरान पूजा करना काफी शुभ माना जाएगा। इससे पुण्य-लाभ की प्राप्ति होगी।

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वरुथिनी एकादशी 2024 पूजा विधि (Varuthini Ekadashi 2024 Puja Vidhi)

  • सुबह पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले उठकर स्नान आदि करें।
  • इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • अब भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर वरुथिनी एकादशी के व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके इसे गंगाजल से शुद्ध करें।
  • अब मंदिर में पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाकर इस पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • विष्णु जी के समीप मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें।
  • अब भगवान विष्णु को पीले रंग का पुष्प, फल, पान, सुपारी, जनेऊ, हल्दी, अक्षत आदि चीजें अर्पित करें।
  • इसके बाद विष्णु जी के समीप घी का दीपक जलाएं और उन्हें गुड़, चने की दाल, केले आदि का भोग लगाएं।
  • पूजा के समय विष्णु चालीसा और स्तोत्र का पाठ एवं मंत्र जाप करें।
  • पूजा के आखिर में विष्णु जी की आरती कर सुख, समृद्धि की कामना करें।
  • इसके बाद भगवान से क्षमा प्रार्थन करके पूजा संपन्न करें।

वरुथिनी एकादशी व्रत पारण का समय (Varuthini Ekadashi 2024 Vrat Paran Ka Samay)

शनिवार, 4 मई को वरुथिनी एकादशी का व्रत करने के बाद अगले दिन यानी द्वादशी तिथि, रविवार, 5 मई को सुबह स्नान-ध्यान करने के बाद पारण किया जा सकता है। इसके लिए 5 मई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट से सुबह ही 08 बजकर 17 मिनट के बीच पारण कर सकते हैं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 3 May 2024 at 08:29 IST