अपडेटेड 4 September 2025 at 23:29 IST

क्या है मलक्का स्ट्रेट, जहां से गुजरता है दुनिया का 40% मालवाहक जहाज? वहां लहराएगा तिरंगा, भारत करेगा पेट्रोलिंग; चीन पर रहेगी पैनी नजर

Strait of Malacca: भारत ने वो कर दिखाया, जिसके बारे में कभी सोचना भी नामुमकिन जैसा था। अब भारत उस समुद्री मार्ग की पेट्रोलिंग करने वाला है, जिसे दुनिया ‘ट्रेड लाइफलाइन’ के नाम से जानती है।

Follow : Google News Icon  
Prime Minister Wong and PM Modi
Prime Minister Wong and PM Modi | Image: X/Narendra Modi

Strait of Malacca: भारत ने वो कर दिखाया, जिसके बारे में कभी सोचना भी नामुमकिन जैसा था। अब भारत उस समुद्री मार्ग की पेट्रोलिंग करने वाला है, जिसे दुनिया ‘ट्रेड लाइफलाइन’ के नाम से जानती है।

आपको बता दें कि मलक्का स्ट्रेट वो क्षेत्र है, जहां से दुनिया का करीब 40 प्रतिशत तेल गुजरता है। भारत का ये फैसला इसलिए भी ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि यहां पर पेट्रोलिंग करने का संकेत कभी गैर-एशियन देशों ने भी नहीं दिया था।

क्या है मलक्का स्ट्रेट?

  1. यह अंडमान सागर (हिंद महासागर) और दक्षिण चीन सागर (प्रशांत महासागर) को जोड़ता है।
  2. यह पश्चिम में इंडोनेशियाई द्वीप सुमात्रा और पूर्व में प्रायद्वीपीय (पश्चिम) मलेशिया और सुदूर दक्षिणी थाईलैंड के बीच स्थित है।

क्यों जरूरी है मलक्का स्ट्रेट?

यह मिडिल ईस्ट और पूर्वी एशिया के बीच सबसे छोटा समुद्री मार्ग है, जो एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच परिवहन के समय और लागत को कम करने में मदद करता है। इस गलियारे के माध्यम से दुनिया का लगभग 60% समुद्री व्यापार होता है, और यह दो प्रमुख एशियाई कंज्यूमर्स चीन और जापान के लिए तेल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है।

भारत की नई छलांग

हिंद महासागर में भारत लंबे समय से सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहा है। मालदीव, श्रीलंका और सेशेल्स तक भारतीय नौसेना सुरक्षा देती है। इस पेट्रोलिंग के माध्यम से भारत चीन के मालवाहक जहाजों और टैंकरों पर निगरानी रख सकेगा। भारत के मलक्का में सक्रिय होने से चीन के लिए समुद्र में भी नई चुनौती शुरू हो जाएगी।

Advertisement

आपको बता दें कि मलक्का स्ट्रेट से हर साल 1,00,000 से अधिक जहाज गुजरते हैं और भारी मात्रा में तेल और अन्य सामान, विशेष रूप से चीन और जापान के लिए, ढोते हैं। चीन के लिए मलक्का स्ट्रेट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके आयातित कच्चे तेल का लगभग 80% इसी स्ट्रेट से होकर गुजरता है। मलक्का स्ट्रेट गश्ती (MSP) सुरक्षा पहल 2004 में इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर द्वारा शुरू की गई थी, और बाद में थाईलैंड भी इसमें शामिल हो गया। ये चारों देश स्ट्रेट की सीमा से लगे हैं। 

ये भी पढ़ेंः EU चीफ ने पीएम मोदी को मिलाया फोन, बोलीं- रूस की आक्रमकता को आप ही...

Advertisement

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 4 September 2025 at 23:15 IST