अपडेटेड 5 May 2025 at 18:26 IST
BREAKING:पाकिस्तानी हैकरों ने की भारतीय डिफेंस वेबसाइटों को हैक करने की नाकाम कोशिश, खुफिया जानकारी लीक होने की संभावना!
रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी हैकर्स ने भारत की रक्षा वेबसाइटों को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
- डिफेंस न्यूज
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बादल और घने हो गए हैं, लेकिन अब जंग सिर्फ सीमाओं पर नहीं, साइबर स्पेस में भी लड़ी जा रही है। रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी हैकर्स ने भारत की रक्षा वेबसाइटों को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। इन हमलों का मकसद सिर्फ डाटा चुराना नहीं, बल्कि भारतीय रक्षा प्रणाली को डिजिटल रूप से कमजोर करना भी है। एक सोशल मीडिया हैंडल ‘ Pakistan Cyber Force’ ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर दावा किया है कि उनके हैकर्स ने मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज़ एंड एनालिसिस जैसे संवेदनशील रक्षा संस्थानों के डेटा तक पहुंच बना ली है।
यहां पर सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इन हमलों से 'रक्षाकर्मियों के लॉगिन क्रेडेंशियल्स और संवेदनशील जानकारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।'सूत्रों ने बताया कि हैकर समूह ने रक्षा मंत्रालय के अधीन आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को डिफेस यानी बिगाड़ने की भी कोशिश की, हालांकि समय रहते इसकी पहचान कर ली गई। यहां पर सबसे ज्यादा डर पैदा करने वाली बातें ये हैं कि क्या भारतीय साइबर सुरक्षा ढांचे में कोई बड़ा लूप होल है? क्या यह हमला सिर्फ शुरुआत है किसी बड़े डिजिटल युद्ध की? क्या रक्षाकर्मियों की निजी जानकारियां अब विदेशी एजेंसियों के हाथों में हैं? हालांकि इस मुद्दे पर अभी तक भारत सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन खुफिया एजेंसियां और साइबर सिक्योरिटी सेल अलर्ट मोड पर हैं। इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में युद्ध के मैदान सिर्फ भौगोलिक नहीं, डिजिटल भी होंगे।
पहलगाम हमले के बाद भारत पर साइबर हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए। इस हमले के बाद अब जंग का मैदान सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि साइबर स्पेस में भी दोनों देशों के बीच तनाव का विस्तार देखने को मिला है।
पहला संकेत: हैकिंग के निशाने पर भारत की रक्षा प्रणाली
रक्षा प्रतिष्ठानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी हैकरों ने भारतीय रक्षा वेबसाइटों को टारगेट करना शुरू कर दिया। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक हैंडल 'Pakistan Cyber Force' ने दावा किया कि उन्होंने मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के संवेदनशील डेटा तक पहुंच बनाई है।
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सबसे बड़ा खतरा: संवेदनशील जानकारियां लीक होने की आशंका
सूत्रों ने बताया कि इन साइबर हमलों से न केवल वेबसाइट की कार्यप्रणाली बाधित हुई, बल्कि रक्षाकर्मियों के लॉगिन क्रेडेंशियल्स और गोपनीय दस्तावेजों की चोरी का खतरा भी बना हुआ है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इन हमलों से भारतीय सेना और रक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियों की सुरक्षा प्रणाली को गंभीर जोखिम उत्पन्न हो सकता है। सबसे पहले प्रतिक्रिया में आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड (AVNL) की वेबसाइट को ऑडिट के लिए तत्काल प्रभाव से ऑफलाइन कर दिया गया। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि संभावित नुकसान का सही आकलन किया जा सके और सिस्टम को आगे की घुसपैठ से सुरक्षित किया जा सके।
साइबर वॉरफेयर के खिलाफ तैयार भारत
सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल प्रभाव से साइबर स्पेस की निगरानी तेज कर दी है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ लगातार ऐसे नेटवर्क की पहचान करने में जुटे हैं, जो पाकिस्तान समर्थित साइबर गुटों से जुड़े हो सकते हैं। इसके साथ ही भारत के साइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने और डिजिटल रक्षा प्रणाली को अपडेट करने की दिशा में भी गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
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निष्कर्ष
पहलगाम हमला सिर्फ एक पारंपरिक आतंकी वारदात नहीं था। यह एक व्यापक रणनीति का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य भारत की सैन्य, मनोवैज्ञानिक और डिजिटल क्षमताओं को एक साथ चुनौती देना था। भारत अब इन चुनौतियों से निपटने के लिए हर मोर्चे पर सतर्क है और सीमा पर भी और स्क्रीन के पीछे भी। साइबर वॉरफेयर को लेकर भारत को अब न केवल अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाना होगा, बल्कि एक आक्रामक रणनीति भी तैयार करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसे डिजिटल हमलों को रोका जा सके और उनका माकूल जवाब दिया जा सके।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 5 May 2025 at 18:03 IST