अपडेटेड 26 September 2025 at 17:19 IST

इन 3 युद्धों में पाकिस्तान के लिए काल बना MiG-21; अब यह स्वदेशी लड़ाकू विमान संभालेगा वायु सेना का मोर्चा

MiG-21 Retirement: वायु सेना में आने के दो साल के भीतर इसने 1965 में दुश्मन को पहली झलक दिखाई। मिली जानकारी के अनुसार, भारत के साथ 1965 की जंग में पाकिस्तानी सेना ने अमेरिकी फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था। लेकिन भारत के MiG-21 फाइटर जेट के सामने उनकी एक न चल सकी।

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MiG-21 Retirement
MiG-21 Retirement | Image: Ministry of Defence, Government of India/X

MiG-21 Retirement: मिग-21 विमानों को 1963 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था और 63 वर्षों की सेवा के बाद आज इन्हें सेवामुक्त कर दिया गया। मिग-21 विमानों की जगह अब भारतीय वायु सेना में स्वदेशी फाइटर जेट तेजस मोर्चा संभालेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज 26 सितंबर को चंडीगढ़ में भारतीय वायु सेना के मिग-21 के सेवामुक्ति समारोह के दौरान कहा, "मिग-21 की विरासत रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में सदैव जीवित रहेगी। यह विमान साहस, अनुशासन और देशभक्ति की निरंतरता का प्रतीक है जो एलसीए-तेजस और आगामी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) जैसे स्वदेशी प्लेटफार्मों के विकास को प्रेरित करेगा।"

MiG-21 लड़ाकू विमान भारत के लिए काफी सहायक रहे हैं और इन विमानों ने एक-दो नहीं बल्कि तीन युद्धों में पाकिस्तान को धूल चटाई है। 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में पाकिस्तान के लिए काल बने थे MiG-21, आइए इसके बारे में जानते हैं...


1965 में पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब 

MiG-21 फाइटर जेट को भारतीय वायु सेना में वर्ष 1963 में शामिल किया गया था। वायु सेना में आने के दो साल के भीतर इसने 1965 में दुश्मन को पहली झलक दिखाई। मिली जानकारी के अनुसार, भारत के साथ 1965 की जंग में पाकिस्तानी सेना ने अमेरिकी फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था। लेकिन भारत के MiG-21 फाइटर जेट के सामने उनकी एक न चल सकी। भारतीय वायु सेना के लड़ाकों ने अपनी कौशल और वीरता को दिखाते हुए MiG-21 फाइटर जेट से हमला कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था।

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1971 में MiG-21 ने पाकिस्तान को दिया ना भूलने वाला जख्म

 1965 के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में एक और युद्ध हुआ। इसमें मिग-21 ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। भारतीय फाइटर जेट से न सिर्फ पाकिस्तानी सेना को इस युद्ध में धूल चटाई बल्कि अपने शानदार निशाने और हमले से दुश्मन देश के कई रनवे को बर्बाद कर दिया था। इस युद्ध में ही पाकिस्तान का टुकड़ा हुआ था और बांग्लादेश का जन्म हुआ। यह जख्म पाकिस्तान के लिए ना भूलने वाला जख्म है, जिसमें पाकिस्तान के 93000 से अधिक सैनिकों ने भारत के सामने हथियार डाल दिए थे।

1999 के कारगिल युद्ध में हासिल किया विजय

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। इसमें भी  MiG-21 ने अपनी वीरता और सटीक हमले से पाकिस्तान और दुश्मन को करारा जवाब दिया था। मिग-21 ने इस युद्ध में पाकिस्तान की घुसपैठ और हवाई हमलों को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। इस युद्ध में MiG-21 के साथ मिलने से भारत ने कारगिल में विजय प्राप्त की और हम इस युद्ध को जितने में सफल हुए। हर साल हमारे देश में कारगिल विजय दिवस भी मनाया जाता है।

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इसके अलावा बालाकोट एयर स्ट्राइक और और ऑपरेशन सिंदूर में भी मिग-21 ने शानदार प्रदर्शन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज मिग-21 के सेवामुक्ति समारोह के दौरान याद दिलाया कि कैसे मिग-21 ने युद्ध और संघर्ष के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमता का परिचय दिया, 1971 के युद्ध में अपनी निर्णायक भूमिका से लेकर, जहां इसने प्रतिकूल परिस्थितियों में ढाका में गवर्नर हाउस पर हमला किया और भारत की जीत में तेजी लायी, कारगिल संघर्ष, बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर में अपनी उपस्थिति तक। उन्होंने कहा, "हर ऐतिहासिक मिशन में, मिग-21 ने तिरंगे को सम्मान के साथ फहराया। इसका योगदान कभी किसी एक घटना या युद्ध तक सीमित नहीं रहा, यह दशकों से भारत की वायु शक्ति का एक स्तंभ रहा है।"


अब मिग-21 की जगह तेजस फाइटर जेट

मिली जानकारी के अनुसार, करीब 63 वर्षों की सेवा के बाद मिग-21 अब भारतीय वायु सेना से रिटायर हो गया है। वहीं, इसकी जगह अब भारतीय वायुसेना का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस ले रहा है। 

तेजस की बात करें तो यह विमान आधुनिक रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और मिसाइल टेक्नोलॉजी से लैस है। यह दुश्मनों के ठिकाने पर सटीक हमला करने में सक्षम है। 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 26 September 2025 at 17:07 IST