अपडेटेड 9 September 2025 at 23:28 IST
भारत के दुश्मन सावधान! रूस से घर पहुंच रहा है वॉरशिप INS तमाल, जानें इस 'अभेद किले' की शक्ति
INS Tamal: आईएनएस तमाल समुद्र में एक अभेद चलता-फिरता किला है और इसे चारों आयामों, अर्थात हवा, जमीन, पानी के भीतर और विद्युत चुम्बकीय, में नौसैनिक युद्ध के सभी क्षेत्रों में नीले पानी में संचालन के लिए डिजाइन किया गया है।
- डिफेंस न्यूज
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INS Tamal: भारत की शक्ति खासकर के समुद्री शक्ति और भी अधिक बढ़ने वाली है। इससे देश के दुश्मनों को पहले से अधिक सावधान होने की जरूरत है। जी हां, रूस में बीते 01 जुलाई 2025 भारतीय नौसेना में शामिल हुआ विध्वंसक INS तमाल अब अपने घर यानी कि भारत पहुंच रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, देश का वॉरशिप INS तमाल बुधवार को कारवार नेवल बेस में लंगर डालेगा।
रूस के कलिनिनग्राद से करीब 2 महीने का सफर तय कर वॉरशिप INS तमाल अब भारत पहुंच रहा है। यह कई मित्र देशों के नेवल बेस से होते हुए बुधवार को भारत आ रहा है। इससे सबसे खतरनाक एंटी शिप मिसाइल ब्रह्मोस को आसानी से दागा जा सकता है। यह समुद्र में चलता फिरता भारतीय नौसेना का 'अभेद किला' है।
जुलाई 2025 रूस में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था INS तमाल
भारतीय नौसेना ने 01 जुलाई 2025 को रूस के कलिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह की उपस्थिति में INS तमाल (F 71) को नौसेना में शामिल किया था। इस अवसर पर युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, रूसी संघ नौसेना के बाल्टिक बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल सर्जी लिपिन और भारतीय और रूसी सरकारों, नौसेनाओं और उद्योगों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
आईएनएस तमाल समुद्र में चलता-फिरता एक अभेद किला
भारतीय नौसेना की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, आईएनएस तमाल, परियोजना 1135.6 की सीरीज का आठवां बहु-भूमिका वाला स्टील्थ फ्रिगेट और तुशील श्रेणी के अतिरिक्त अनुवर्ती जहाजों में से दूसरा है। तुशील श्रेणी का पहला जहाज (आईएनएस तुशील) 9 दिसंबर 2024 को रक्षा मंत्री की उपस्थिति में नौसेना में शामिल किया गया। अब तक शामिल किए गए सभी सात जहाज पश्चिमी नौसेना कमान के अंतर्गत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े - 'द स्वॉर्ड आर्म' का हिस्सा हैं।
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आईएनएस तमाल समुद्र में एक अभेद चलता-फिरता किला है और इसे चारों आयामों, अर्थात हवा, जमीन, पानी के भीतर और विद्युत चुम्बकीय, में नौसैनिक युद्ध के सभी क्षेत्रों में नीले पानी में संचालन के लिए डिजाइन किया गया है।
आईएनएस तमाल की शक्ति और खासियत
इस जहाज ने अपनी सभी रूसी हथियार प्रणालियों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिनमें ऊर्ध्वाधर रूप से प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल श्टिल-1, तोपखाने के हथियार और टॉरपीडो शामिल हैं। तमाल दोहरी भूमिका वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, विस्तारित रेंज वाली लंबवत प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मानक 30 एमएम क्लोज इन वेपन सिस्टम, 100 एमएम मुख्य तोप और बहुत शक्तिशाली एएसडब्ल्यू रॉकेट और हैवीवेट टॉरपीडो के साथ अपने वजन से कहीं अधिक प्रहार करता है।
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तमाल भारतीय और रूसी तकनीकी का एक मिश्रण है जिसमें अत्याधुनिक संचार और नेटवर्क केंद्रित ऑपरेशन क्षमताओं का एक समूह है। जहाज उन्नत एंटी-सबमरीन और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर, कामोव 28 और कामोव 31 को भी शामिल करने में सक्षम है।
जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक सुरक्षा के लिए जटिल स्वचालित प्रणालियों से सुसज्जित है, जिसमें क्षति नियंत्रण और अग्निशमन भी शामिल है, जिन्हें सुरक्षित चौकियों से केंद्रीय रूप से संचालित किया जा सकता है। ये जटिल प्रणालियां हताहतों की संख्या को कम करने, युद्ध प्रभावशीलता की त्वरित बहाली और युद्ध क्षमता और उत्तरजीविता को बढ़ाने में मदद करती हैं।
आईएनएस तमाल में लगभग 250 नाविक और 26 अधिकारी कार्यरत
आईएनएस तमाल में लगभग 250 नाविक और 26 अधिकारी कार्यरत हैं। इस पोत के अधिकारी और नाविक पोत के आदर्श वाक्य - सर्वत्र सर्वदा विजय (सर्वत्र विजय) को साकार करते हैं, जो हर मिशन में परिचालन उत्कृष्टता के लिए तमाल की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 9 September 2025 at 23:28 IST