अपडेटेड 16 November 2025 at 21:05 IST
भारतीय सेना और वायु सेना अपने बेड़े में शामिल करेंगी ये एंटी ड्रोन सिस्टम, दुश्मनों को मिलेगा लेजर हमले का मुंहतोड़ जवाब
India Air Force: डीआरडीओ लंबी दूरी की लेजर आधारित ड्रोन पहचान और अवरोधन प्रणाली विकसित कर रहा है, क्योंकि पाकिस्तानियों ने भारतीय लक्ष्यों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी संख्या में ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिसे बड़े पैमाने पर विफल कर दिया गया था।
- डिफेंस न्यूज
- 3 min read

Laser based Anti Drone Systems: भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इससे आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं को भी मुंहतोड़ जवाब दिया गया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना और वायु सेना की बड़ी भूमिका थी और 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे।
अब देश की ये दोनों सेनाएं अपने आप को और मजबूत कर रही हैं। मालूम हो कि इस ऑपरेशन में पाक की ओर से ड्रोन से भी भारत पर हमले की कोशिश की गई थी, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने एंटी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया था और दुश्मन के ड्रोन को नाकाम कर गिरा दिया था। अब इस सिस्टम को देश की सेना और भी तगड़ा करने जा रही है।
2 किलोमीटर रेंज वाली लेजर आधारित एंटी ड्रोन सिस्टम
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना 16 स्वदेशी ड्रोन डिटेक्शन और इंटरडिक्शन सिस्टम के लिए ऑर्डर देने जा रही हैं, जो 2 किलोमीटर दूर मानव रहित हवाई प्रणालियों पर लेजर से हमला करने और उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम होंगे।
रक्षा मंत्रालय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (मार्क 2) को मंजूरी दे सकता है, जिसमें 2 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के ड्रोन को लेजर बीम से मार गिराने की क्षमता है। रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि 10 किलोवाट की लेजर बीम, लेजर से ड्रोन को मार गिराने की दूरी को दोगुना कर देगी, क्योंकि पहली प्रणाली केवल लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर ही निशाना साध सकती थी।
चीन और रूस सहित इन चुनिंदा देशों में भारत शामिल
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डीआरडीओ लंबी दूरी की लेजर आधारित ड्रोन पहचान और अवरोधन प्रणाली विकसित कर रहा है, क्योंकि पाकिस्तानियों ने भारतीय लक्ष्यों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी संख्या में ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिसे बड़े पैमाने पर विफल कर दिया गया था।
डीआरडीओ ने प्रत्यक्ष ऊर्जा हथियार प्रणाली का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो 5 किलोमीटर दूर तक की प्रणालियों को निशाना बना सकती है और भारतीय रक्षा बलों की भागीदारी में इसके परीक्षण किए जा रहे हैं। 5 किलोमीटर की मारक क्षमता 30 किलोवाट के लेजर आधारित प्रत्यक्ष ऊर्जा हथियार द्वारा हासिल की जाएगी।
Advertisement
भारत ने इस अप्रैल में पहली बार 30 किलोवाट लेजर आधारित हथियार प्रणाली का उपयोग करके फिक्स्ड-विंग विमान, मिसाइलों और ग्रुप में ड्रोन को मार गिराने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। ऐसा करके भारत अमेरिका, चीन और रूस सहित उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया, जिन्होंने ऐसी क्षमता दिखाई है।
ये भी पढ़ें - टैरिफ वॉर के बीच भारत-US में बड़ी डील, अमेरिकी कंपनी से तेजस फाइटर जेट्स के इंजन खरीदेगा HAL, इतने करोड़ में हुआ सौदा
Advertisement
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 16 November 2025 at 21:05 IST