अपडेटेड 2 October 2024 at 18:26 IST
सेना को मिली भारत की पहली स्वदेशी 9-mm ASMI Gun, जानिए इसकी ताकत और विशेषताएं
Sub machine gun: 2.4 किलोग्राम से कम वजनी इस घातक हथियार में Uzi और MP5 की तुलना में 10-15% कम वजन है, जो क्लोज कॉम्बैट में काफी फायदेमंद होगी।
- डिफेंस न्यूज
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ASMI submachine gun: भारत तेजी से रक्षा के क्षेत्र में (Defense Sector) आत्मनिर्भर हो रहा है। भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर पर स्वदेशी ASMI सबमशीन गन को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। यह एक 9mm की मशीन पिस्टल है, जो क्लोज कॉम्बैट में काफी फायदेमंद साबित होगी। क्योंकि नजदीकी जंग में जवान छोटे, घातक और हल्के हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। सब-मशीन कार्बाइन ASMI Gun रक्षा के क्षेत्र में और आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
सब-मशीन कार्बाइन ASMI Gun को लोकेश मशींस लिमिटेड द्वारा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सहयोग से विकसित किया गया है। भारतीय सेना ने हैदराबाद स्थित लोकेश मशींस से 550 ASMI सबमशीन गन का ऑर्डर दिया है, जिसकी लागत लगभग 4.26 करोड़ रुपये (लगभग $550,000) है। यह खरीद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह INSAS राइफल के बाद सेना के लिए घरेलू रूप से डिजाइन की गई बंदूक का पहला बेड़ा है।
ASMI सबमशीन गन: डिजाइन और विशेषताएं
ASMI एक संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है गर्व, आत्मसम्मान और कड़ी मेहनत। इसे 9×19mm पैराबेलम कारतूस के लिए बनाया गया है। 9×19mm पिस्तौल कारतूस का इस्तेमाल आम तौर पर हैंडगन या सबमशीन गन में होता है। यह कारतूस इतिहास में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली गोलियों में से एक है। इसके साथ ही भारतीय सुरक्षा बलों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मानक कैलिबर है।
ASMI के दो वैरिएंट्स हैं। 9 mm की मशीन पिस्टल के ऊपर किसी भी तरह के टेलिस्कोप, बाइनोक्यूलर या बीम लगाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। 2.4 किलोग्राम से कम वजनी इस घातक हथियार में Uzi और MP5 की तुलना में 10-15% कम वजन है। जिससे इसकी पोर्टेबिलिटी और क्लोज कॉम्बैट में उपयोग आसान हो जाता है। इसकी लंबाई 14 इंच है, जो बट खोलने के बाद 24 इंच हो जाती है।
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एक मिनट में 800 राउंड फायर
इसका लोअर रिसीवर कार्बन फाइबर से बना है और अपर रिसीवर में विमानों की क्वालिटी वाले एल्युमीनियम का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाते हैं। इसकी मैगजीन क्षमता 32 राउंड है और एक मिनट में 800 राउंड फायरिंग कर सकती है। इस हथियार का उद्देश्य पुरानी हो चुकी 1A Carbine की जगह लेना है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और असम राइफल्स से इस्तेमाल के बाद ASMI को अच्छा फीडबैक मिला है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 2 October 2024 at 18:26 IST