अपडेटेड 3 December 2025 at 09:43 IST
ऑपरेशन सिंदूर में जिस हथियार ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को किया नेस्तानाबूद, भारत ने उसे खरीदने के लिए इजरायल संग किया करार
भारत ने इजरायल के साथ आपातकालीन खरीद प्रावधानों के तहत हेरॉन MK-2 की अतिरिक्त खेप के लिए नया करार किया है। इसके साथ अब भारत में एडवांस्ड UAV बनाने पर भी बातचीत चल रही है।
- डिफेंस न्यूज
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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को रातों रात नेस्तानाबूद कर दिया था। भारत-पाकिस्तान की इस जंग के दौरान एक इजरायली हथियार जो चर्चा में बना रहा वो था हेरॉन MK-2 ड्रोन। अब भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इजरायली हेरॉन MK-2 ड्रोन के शानदार प्रदर्शन के बाद भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत करने का बड़ा कदम उठाया है।
इजराइली डिफेंस इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इजरायल के साथ आपातकालीन खरीद प्रावधानों (Emergency Procurement Provisions) के तहत हेरॉन MK-2 मानवरहित हवाई वाहनों (UAV) की अतिरिक्त खेप के लिए नया करार किया है। भारत ने और इजराइली हेरॉन MK-II ड्रोन खरीदने की शुरुआत की है। सूत्रों ने कहा कि अब भारत में एडवांस्ड UAV बनाने पर भी बातचीत चल रही है।
अब नेवी के पास भी होगा हेरॉन MK-II
वहीं, इजराइली रक्षा उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने यह बारे में कहा कि तीनों ब्रांच ने MK-II खरीदने का फैसला किया है और हमें बहुत गर्व है कि नेवी ने भी यह फैसला किया है। यह एक ऐसा कदम है जो पूरी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का रास्ता बना सकता है और डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया की पहुंच को और आगे ले जाएगा। हेरॉन एमके-2 मानवरहित हवाई वाहन (UAV ) भारतीय सेना और वायुसेना के पास पहले से ही उपलब्ध हैं। अब इन्हें नौसेना में भी शामिल किया जाएगा।
हेरॉन MK-II की क्या है खासियत
IAI का बनाया हुआ, हेरॉन MK-II एक मीडियम-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस (MALE) अनमैन्ड एरियल व्हीकल है जिसका मैक्सिमम टेक-ऑफ वेट 1,430 kg है। यह 45 घंटे की एंड्योरेंस, 35,000 ft की सर्विस सीलिंग और 150 knots की टॉप स्पीड देता है। अब फोकस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और एलकॉम के साथ पार्टनरशिप के जरिए भारत में MK-II बनाने पर है।
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भारत ने 2021 में खरीदा था हेरॉन MK-II ड्रोन
बता दें कि भारत ने चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव के बाद इमरजेंसी पावर के तहत 2021 में हेरॉन MK-II ड्रोन खरीदना शुरू किया था। शुरू में चार यूनिट ऑर्डर किए गए थे-दो आर्मी के लिए और दो एयर फोर्स के लिए - जब यह साफ हो गया कि यह वेरिएंट हेरॉन MK-II है, हेरॉन TP नहीं।
अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं ने आपातकालीन खरीद के लिए हेरोन एमके-2 का चयन किया है। हालांकि, उन्होंने संख्या का खुलासा नहीं किया है। इजराइली वायुसेना के अलावा दुनियाभर की 20 सैन्य इकाइयां इस ड्रोन का इस्तेमाल करती हैं।
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अब हेरॉन का इंडियन वर्शन बनाने की तैयारी
IAI के एक अधिकारी ने कहा, हम मेक इन इंडिया को लेकर बहुत अवेयर हैं और अपने लोकल पार्टनर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि यह पक्का हो सके कि हम उन जरूरतों को पूरा करें।" हमारा एक पार्टनर HAL है, और दूसरा एलकॉम है। हमारा मकसद भारत में सिस्टम बनाना है, हेरॉन का इंडियन वर्शन बनाना है. न सिर्फ MK-II बल्कि दूसरे सिस्टम भी।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 3 December 2025 at 09:43 IST