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अपडेटेड May 6th 2025, 21:34 IST

इस मुस्लिम देश में भारत का एयरबेस, इस्लामाबाद-POK महज 600km दूर, यहां से किया हमला तो अपनी बर्बादी खड़ा देखेगा पाकिस्तान

भारत के लिए आयनी एयरबेस स्ट्रैटजिक रूप से बेहद अहम है। यहां से पाकिस्तान और चीन की हरकतों पर नजर रखी जाती है। ताजिकिस्तान की सीमा चीन और अफगानिस्तान से लगी है।

Reported by: Digital Desk
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भारत ने यहां से किया हमला तो अपनी बर्बादी खड़ा देखेगा पाकिस्तान | Image: ANI

India-Pakistan Tension : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को डर है कि भारत के राफेल, मिराज, जगुआर और मल्टीरोल फाइटर जेट सुखोई-30 कभी भी अपनी फुर्ती का प्रदर्शन पाकिस्तान में घुसकर कर सकते हैं। भारतीय सेना को मिली छूट और भारत की रणनीति ने पाकिस्तान के हुकमरानों की नींद गायब करदी है।

पाकिस्तान की आवाम, सेना और नेताओं को पता है कि भारत अपने लोगों की जान का बदला जरूर लेगा। पाकिस्तान के लिए इससे भी बड़ी मुश्किल पश्चिम में मुस्लिम देश ताजिकिस्तान में बना भारत का एक एयरबेस। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे के पास आयनी एयरबेस (Ayni Airbase) भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से भारत पाकिस्तान के पसीने छुड़ाएं रखता है। आयनी एयरबेस से पाकिस्तान का इस्लामाबाद और पीओके महज 500 से 600 किलोमीटर की दूरी पर है। भारत ने अगर यहां से हमला किया तो पाकिस्तान अपनी बर्बादी को खड़ा देखेगा।

ताजिकिस्तान में भारत का एयरबेस

आयनी एयरबेस भारत का वॉचटॉवर

भारत के लिए आयनी एयरबेस स्ट्रैटजिक रूप से बेहद अहम है। यहां से भारत, पाकिस्तान और चीन की हरकतों पर नजर रखता है। ताजिकिस्तान की सीमा चीन और अफगानिस्तान से लगी है। पाक अधिकृत कश्मीर और ताजिकिस्तान के बीच की दूरी चंद किलोमीटर है। इंडियन आर्मी के लिए ताजिकिस्तान एक वॉचटॉवर की तरह काम करता है। सियाचिन और पाक अधिकृत कश्मीर यहां से बेहद करीब है। आयनी एयरबेस से इंडियन एयर फोर्स चंद मिनटों में पाकिस्तान पहुंच सकती है।

2021 में किया उपयोग

आयनी एयर बेस पर भारत ने 2002 से 2010 के बीच करीब 7 करोड़ डॉलर खर्च किए थे। भारत और ताजिकिस्तान के बीच यहां मिलिट्री कोऑपरेशन चलता है। भारत ने 2000 के दशक में इसके पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण में मदद की थी। यह भारत का पहला विदेशी सैन्य अड्डा माना जाता है। जिसे भारत, ताजिकिस्तान और रूस के बीच सहयोग से चलाता है। 2021 में इसका उपयोग अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए किया गया था।

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पब्लिश्ड May 6th 2025, 21:34 IST