अपडेटेड 30 October 2025 at 21:51 IST

थर्र-थर्र कांपेंगे देश के दुश्मन, राफेल को और मजबूत करेगी वायुसेना; इन मिसाइलों से लैस होगा लड़ाकू विमान

Meteor Missiles: रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि यूरोपीय फर्म एमबीडीए द्वारा निर्मित इन मेटियोर बियॉन्ड विजुअल-रेंज मिसाइलों की खरीद के लिए लगभग 1,500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में अग्रिम चरण में है और जल्द ही आयोजित होने वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।

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Rafale
राफेल (फाइल फोटो) | Image: ANI/X/IAF

Indian Air Force, Meteor Missiles: पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ भारत के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को दुनिया ने देखा और सूना। इसमें भारत की वायुसेना ने अपने अदम्य साहस का सिर्फ परिचय ही नहीं दिया था बल्कि यह करके दिखा भी दिया कि अगर भारत पर बुरी नजर डालने का दुस्साहस भी करोगे तो दुश्मन के घर में घुस कर मारेंगे।

इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने आधुनिक और घातक राफेल लड़ाकू विमान का भी इस्तेमाल किया था। अब हमारी वायुसेना राफेल को खतरनाक मिसाइलों से और भी मजबूती के साथ लैस करने जा रही है। आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर...

मिसाइल डील के लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव - रक्षा सूत्र

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के राफेल लड़ाकू जेट बेड़े के लिए उल्कापिंड हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की एक महत्वपूर्ण संख्या के नियोजित अधिग्रहण के साथ अपनी हवाई लड़ाकू क्षमताओं को और बढ़ा रहा है।

राफेल लड़ाकू विमान बेड़ा भारतीय वायुसेना का एकमात्र ऐसा बेड़ा है जो 200 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली यूरोपीय लंबी दूरी की मिसाइलों को दागने में सक्षम है।

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रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि यूरोपीय फर्म एमबीडीए द्वारा निर्मित इन मेटियोर बियॉन्ड विजुअल-रेंज मिसाइलों की खरीद के लिए लगभग 1,500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में अग्रिम चरण में है और जल्द ही आयोजित होने वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।

भारतीय वायुसेना ने 2016 में फ्रांस से प्राप्त 36 राफेल के पहले बैच के साथ मेटियोर्स का भी ऑर्डर दिया है, और वे उन 26 नौसैनिक राफेल का भी हिस्सा हैं जो अगले कुछ वर्षों में आने वाले हैं।

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700 एस्ट्रा मार्क 2 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खरीदने की भी योजना

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अब अपने सभी बेड़े को मजबूत बी.वी. आर. क्षमता से लैस करने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत वह लगभग 700 एस्ट्रा मार्क 2 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खरीदने की योजना बना रहा है। इन्हें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) विकसित करेगा।
ये मिसाइलें 200 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम होंगी और सुखोई-30 और हल्के लड़ाकू विमानों के बेड़े में इस्तेमाल की जाएंगी। राफेल बेड़े में मेटियोर मिसाइल भी शामिल होगी और भविष्य में इसे एक स्वदेशी विकिरण-रोधी मिसाइल भी मिल सकती है। 

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 30 October 2025 at 21:51 IST