अपडेटेड 13 January 2024 at 22:53 IST
'भारत से कोई उम्मीद न रखे चीन...', विदेश मंत्री ने ड्रैगन के तेवर पर किया करारा प्रहार
Maharashtra News: विदेश मंत्री S Jaishankar ने चीन को साफ शब्दों में कह दिया कि जब तक बॉर्डर विवाद सुलझाया नहीं जाता, संबंध सुधरने की कोई उम्मीद न रखें।
- डिफेंस न्यूज
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Maharashtra News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अपने चीनी समकक्ष से कहा है कि जब तक वे सीमा पर कोई समाधान नहीं ढूंढ लेते, तब तक उन्हें दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जयशंकर ने कहा कि चीन ने 2020 में समझौते का उल्लंघन किया और सैनिकों को LAC पर लाया और भारत को अपनी रक्षा बनाए रखनी होगी। आपको बता दें कि विदेश मंत्री शनिवार, 13 जनवरी को महाराष्ट्र के नागपुर के मंथन बैठक में बोल रहे थे।
स्टोरी की खास बातें
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिखाया आईना
- भारत-चीन संबंध सुधरने की उम्मीद न करेंः विदेश मंत्री
- जानिए एस जयशंकर ने चीन को लेकर और क्या कहा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिखाया आईना
एस जयशंकर ने कहा- 'मैंने अपने चीनी समकक्ष को समझाया है कि जब तक आप सीमा पर कोई समाधान नहीं ढूंढ लेते, अगर सेनाएं आमने-सामने रहेंगी और तनाव रहेगा, तो आपको यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि बाकी रिश्ते भी ऐसे ही सामान्य तरीके से चलते रहेंगे। यह असंभव है।'
उन्होंने कहा- 'ऐसा नहीं है कि आप यहां लड़ सकते हैं और हमारे साथ व्यापार भी कर सकते हैं, ये नहीं हो सकता।' जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत और चीन के बीच तल्ख रिश्ते दोनों देशों के बीच समग्र महत्वपूर्ण संबंधों को प्रभावित करेंगे तो उन्होंने बताया कि 1962 में युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच कुछ समझौते हुए हैं। हालांकि, चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया।
विदेश मंत्री ने कई और समझौतों का भी किया जिक्र
विदेश मंत्री ने कहा- 'युद्ध 1962 में हुआ था और हमें वहां एक राजदूत भेजने में 14 साल लग गए और उसके बाद 26 साल लग गए जब पहली बार हमारे प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने चीन का दौरा किया।'
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जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 1993 और 1996 में दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद 2005, 2006, 2012 और 2013 में पूर्व समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन समझौतों के नतीजे स्पष्ट थे कि न तो भारत और न ही चीन अपने सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात कर सकते हैं। हालांकि, अगर वे ऐसा करने की योजना बनाते हैं, तो उन्हें अपने सैनिकों की आवाजाही से पहले उन्हें सूचित करना होगा।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 13 January 2024 at 20:53 IST