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अपडेटेड 31 July 2024 at 20:14 IST

बंगाल में BSF महिला कॉन्स्टेबल पर 14 बांग्लादेशी घुसपैठियों ने किया हमला, जवाबी कार्रवाई में फायरिंग

Bengal: बांग्लादेशी घुसपैठियों ने BSF की एक महिला कॉन्स्टेबल पर हमला किया।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kunal Verma
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Border Security Force at India Pakistan border
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: PTI/ Representational

Bengal: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बांग्लादेशी घुसपैठियों ने BSF की एक महिला कॉन्स्टेबल  पर हमला किया। इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल  में आत्मरक्षा में गोली चलाई।

आपको बता दें कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या 14 के आसपास बताई जा रही है।

ये है पूरा मामला

बुधवार तड़के कॉन्स्टेबल ने 13 से 14 बांग्लादेशी घुसपैठियों को जिले के राणाघाट इलाके में सीमा बाड़ के पास आते देखा, जो चाकुओं और तलवारों से लैस थे। वे बांग्लादेश से भारत में घुसने का प्रयास कर रहे थे।

कॉन्स्टेबल ने बयान में कहा "वह घुसपैठियों की ओर भागी और उन्हें मौखिक चेतावनी दी, लेकिन उन्होंने जबरदस्ती भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया, कॉन्स्टेबल  को घेर लिया और उस पर हमला कर दिया। तब तक, एक साथी जवान भी मौके पर पहुंच गया और घुसपैठियों की ओर एक स्टन ग्रेनेड फेंका, जो उन्हें रोकने के लिए विफल रहा। अवैध क्रॉसिंग को रोकने और आत्मरक्षा में कॉन्स्टेबल ने घुसपैठियों पर एक राउंड फायरिंग की।''

भाग निकले घुसपैठिए

जानकारी मिल रही है कि सभी घुसपैठिये अंधेरे और जंगल का फायदा उठाकर बांग्लादेश की ओर भाग गए। बयान में कहा गया है कि गोलीबारी से किसी घुसपैठिए के घायल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रोहिंग्या घुसपैठ घुसपैठ को बड़ी समस्या बताते हुए केंद्र सरकार से अपील की है कि उसे बंगाल बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने की जरूरत है।

सीएम हिमंता ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि रोहिंग्या भारत-बांग्लादेश सीमा का उपयोग कर रहे हैं। भारत में रोहिंग्या की घुसपैठ कई गुना बढ़ गई है। असम पुलिस ने एक नेटवर्क का भी खुलासा किया है। मेरा मानना ​​है कि भारत सरकार को विशेषकर पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के साथ सीमा को मजबूत करना चाहिए। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बंगाल की सीएम ममता बनर्जी घुसपैठ के पक्ष में बयान देती हैं तो ये और भी गंभीर हो जाता है। ये मामला गंभीर है। जनसांख्यिकीय आक्रमण वास्तविक है। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हम इस पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं।

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पब्लिश्ड 31 July 2024 at 20:13 IST