अपडेटेड 11 September 2025 at 18:16 IST
ITR Filing Deadline: अगर आप अंतिम तारीख तक नहीं फाइल कर पाए आईटीआर तो क्या होगा, कितना लगेगा जुर्माना?
ITR filing deadline: आखिरी तारीख के बाद आईटीआर दाखिल के लिए धारा 234F के तहत देर से दाखिल करने का शुल्क लगाया जाता है। यदि आखिरी तारीख के बाद रिटर्न फाइल किया जाता है तो 5,000 रुपये का लेट रिटर्न फाइन देना होगा।
- बिजनेस न्यूज
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ITR filing deadline: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के लिए आखिरी तारीख नजदीक आ रही है। ITR filing के लिए लास्ट डेट 15 सितंबर 2025 है, जो पहले 31 जुलाई 2025 थी। कई लोगों ने तो अपना आईटीआर फाइल कर लिया होगा। लेकिन जो अभी तक फाइल नहीं किए हैं, वे जल्द से जल्द करें क्योंकि ITR filing करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर ही है।
अब यहां एक सवाल यह है कि अगर कोई आखिरी डेट तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाता है तो क्या होगा? उसे लेट फाइन के साथ कब तक फाइल करने की सुविधा है? या फिर कितना जुर्माना देना होगा? आइए इन सभी सवालों के जवाब को जानते हैं...
बीलेटेड रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख
इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आयकर रिटर्न फाइल करते समय पहली और सबसे महत्वपूर्ण सावधानी यह है कि नियत तारीख पर या उससे पहले आयकर रिटर्न दाखिल किया जाए। करदाताओं को लेट या देरी से रिटर्न दाखिल करने से बचना चाहिए। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस बार आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है। वहीं, बीलेटेड रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 बताई जा रही है। लेकिन आपको इसके लिए लेट फाइन या जुर्माना देना होगा।
समय पर आईटीआर नहीं भरा तो क्या होगा?
- समय पर अगर आप आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। आपको फिर लेट फाइन के साथ आईटीआर फाइल करना होगा।
- अगर आप समय पर आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको रिफंड (अगर कुछ है तो) मिलने में देर होगी।
- इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस आ सकता है।
- गंभीर मामले में बड़ी कार्रवाई का भी प्रावधान है।
कितना भरना होगा फाइन?
आखिरी तारीख के बाद आईटीआर दाखिल के लिए धारा 234F के तहत देर से दाखिल करने का शुल्क लगाया जाता है। यदि आखिरी तारीख के बाद रिटर्न फाइल किया जाता है तो 5,000 रुपये का लेट रिटर्न फाइन देना होगा। हालांकि, यदि आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो भुगतान की जाने वाली फाइन की राशि 1,000 रुपये होगी।
टैक्स का भुगतान न करने पर ब्याज, जुर्माना और जेल का प्रावधान
मिली जानकारी के अनुसार, टैक्स का भुगतान न करने पर ब्याज, जुर्माना और अभियोजन का प्रावधान है। अभियोजन के परिणामस्वरूप 3 महीने से 2 वर्ष तक का कठोर कारावास हो सकता है। वहीं, यदि टैक्स चोरी की राशि 25,00,000 रुपये से अधिक हो, तो सजा 6 महीने से 7 वर्ष तक हो सकती है।
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Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 11 September 2025 at 18:16 IST