अपडेटेड October 1st 2024, 19:16 IST
देश में लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में आने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्तमंत्री निर्मलासीतारमण की अगुवई में इस साल जुलाई के महीने में पूर्ण यूनियन बजट पेश किया था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में कई नियमों के बदलाव का एलान किया था। इन बदलाओं में सरकार द्वारा लोगों की इनकम पर काटे जाने वाले टीडीएस रेट्स भी शामिल है। आज एक अक्टूबर से टीडीएस रेट्स नए बजट में पेश किए गए नए नियमों के मुताबिक लागू होंगे।
टीडीएस का मतलब टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यानी इनकम के स्त्रोत पर लिया गया टैक्स कटौती है। ऐसे समझिए कि टीडीएस क्या होता है। अगर किसी शख्स को किसी सोर्स से इनकम होती है तो उसकी इनकम से टैक्स काटकर अगर उस शख्स को बाकी की रकम दे दी जाए। तो इस दौरान शख्स की इनकम से काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं। एक निश्चित इनकम के बाद काटी गई टीडीएस की रकम उपभोक्ता को आईटीआर भरने के बाद वापस लौटा दी जाती है। अगर शख्स की इनकम टैक्स स्लैब से ज्यादा है तो उसका टीडीएस रिफंड नहीं होता है।
टीडीएस वो कटौती है जिसके द्वारा सरकार नौकरी पेशा और बिजनेस मैन से टैक्स का पैसा इकट्ठा करती है। पूरे देश में हर तरह के टैक्स कई तरह के इनकम सोर्स पर लागू किए जाते हैं जैसे की अगर कोई शख्स नौकरी पेशा है तो उसकी सैलरी से, किसी ने बैंक एफडी के ब्याज से इनकम की है तो उस पर टीडीएस, किसी तरह के निवेश पर मिले कमीशन और शेयर धारकों में हुई कमाई इसमें शामिल है। हालांकि हर तरह की इनकम पर टैक्स नहीं लगता है। अलग-अलग इनकम टैक्स की कई तरह के अलग-अलग पेमेंट पर अलग-अलग ब्याज दरें निर्धारित की गई हैं।
पब्लिश्ड October 1st 2024, 19:16 IST