अपडेटेड 7 February 2025 at 10:47 IST
BIG BREAKING: RBI ने दिया पूरे देश को गिफ्ट, 5 साल बाद रेपो रेट में 0.25% कटौती; सभी लोन सस्ते और कम हो जाएगी EMI
नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पूरे देश को तोहफा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया।
- बिजनेस न्यूज
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RBI cuts repo rate: नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पूरे देश को तोहफा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया। रिजर्व बैंक ने करीब 5 साल बाद रेपो रेट में कटौती की है। रेपो रेट में हुई इस 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती से होम लोन और कार लोन समेत तमाम लोन सस्ते हो जाएंगे और लोगों को ईएमआई में राहत मिलेगी। बताते चलें कि रिजर्व बैंक ने आखिरी बार जून 2023 में रेपो रेट में बढ़ोतरी करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत कर दिया था। जून 2023 के बाद से ही रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ था।
केंद्रीय बैंक ने लगभग पांच साल बाद रेपो दर में कटौती की है। इससे पहले मई, 2020 में कोविड-19 महामारी के समय रेपो दर को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया गया था। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था। रेपो दर दो साल से 6.50 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है।
आरबीआई के गवर्नर ने संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक में लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि छह सदस्यीय समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है।
सस्ते होंगे सभी लोन
रेपो दर में कमी करने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कमी आने की उम्मीद है। इसके साथ, एमपीसी ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ बनाये रखने का निर्णय किया है। आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत पर रहने के अनुमान को बरकरार रखा है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 7 February 2025 at 10:24 IST