अपडेटेड 27 December 2024 at 19:06 IST
भारतीय मोटर वाहन उद्योग को नई दिशा देने वाले ओसामु सुजुकी का 94 वर्ष की आयु में निधन
भारतीय मोटर वाहन उद्योग को नई दिशा देने वाले ओसामु सुजुकी का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
- बिजनेस न्यूज
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भारतीय मोटर वाहन उद्योग को नई दिशा देने वाले ओसामु सुजुकी का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जापान की सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की ओर से शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, 25 दिसंबर को ‘लिम्फोमा’ के कारण उनका निधन हो गया। सुजुकी को 1981 में मारुति उद्योग लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम बनाने के लिए तत्कालीन भारत सरकार के साथ साझेदारी करने का जोखिम उठाने के लिए पहचाना जाता है। उस समय भारत लाइसेंस व्यवस्था के तहत एक बंद अर्थव्यवस्था थी। इसलिए सुजुकी को व्यापक रूप से देश में मोटर वाहन उद्योग को बढ़ावा तथा नई दिशा देने वाले शख्स के तौर पर पहचाना जाता है।
सरकार के 2007 में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के साथ मिलकर कंपनी से बाहर निकलने का फैसला करने पर मारुति उद्योग लिमिटेड, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड बन गई। ओसामु सुजुकी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के निदेशक और मानद अध्यक्ष थे।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने सुजुकी के निधन पर कहा, ‘‘ उनकी दूरदर्शिता, ऐसा जोखिम उठाने की उनकी इच्छा जिसे कोई और उठाने को तैयार नहीं था, भारत के प्रति उनके गहरे व अडिग प्रेम और एक शिक्षक के रूप में उनकी अपार क्षमताओं के बिना मेरा मानना है कि भारतीय मोटर वाहन उद्योग वह महाशक्ति नहीं बन पाता जो वह बन गया है।’’
भारत के साथ सुजुकी के संबंधों को याद करते हुए भार्गव ने कहा, ‘‘ उन्होंने कई प्रधानमंत्रियों का विश्वास जीता और उसका लाभ उठाया। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनके करीबी संबंध थे... देश में उनके असंख्य प्रशंसक और लाभार्थी उन्हें याद रखेंगे।’’
सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को हुआ था। उन्होंने चुओ विश्वविद्यालय के विधि संकाय से स्नातक की उपाधि हासिल की और अप्रैल 1958 में तत्कालीन सुजुकी मोटर कंपनी लिमिटेड में शामिल हो गए। नवंबर 1963 में उन्हें निदेशक नियुक्त किया गया और दिसंबर 1967 में वे निदेशक एवं प्रबंध निदेशक बन गए।
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ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने शोक संदेश में कहा, ‘‘ मारुति सुजुकी के जरिये भारत में उनके असाधारण योगदान ने न केवल भारतीय मोटर वाहन परिदृश्य में क्रांति ला दी, बल्कि भारत तथा जापान के बीच संबंधों को भी मजबूत किया। एक ऐसी साझेदारी को बढ़ावा दिया जिसने वैश्विक मोटर वाहन उद्योग के लिए मानक स्थापित किए और एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण किया जिसने अनगिनत व्यवसायों को सशक्त बनाया।’’
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 27 December 2024 at 19:06 IST