अपडेटेड 24 August 2025 at 23:21 IST

ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त इन बातों का रखें खास ध्यान, वरना एक गलती पड़ेगी भारी

ITR Filing 2025: टैक्स का भुगतान न करने पर ब्याज, जुर्माना और अभियोजन का प्रावधान है। अभियोजन के परिणामस्वरूप 3 महीने से 2 वर्ष तक का कठोर कारावास हो सकता है। वहीं, यदि टैक्स चोरी की राशि 25,00,000 रुपये से अधिक हो, तो सजा 6 महीने से 7 वर्ष तक हो सकती है।

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ITR Filing 2025
ITR Filing 2025 | Image: Republic

ITR Filing 2025: आईटीआर का अर्थ है आयकर रिटर्न । यह एक निर्धारित फॉर्म है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति द्वारा एक वित्तीय वर्ष में अर्जित आय और उस आय पर चुकाए गए टैक्स की जानकारी आयकर विभाग को सूचित किया जाता है। यह नुकसान को आगे ले जाने और आयकर विभाग से धनवापसी का दावा करने की भी अनुमति देता है।
आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है, जो पहले 31 जुलाई 2025 थी। यहां हम आपको कुछ जरूरी बातें बताने जा रहे हैं, जिनका ध्यान आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त रखना होता है। आइए इनके बारे में जानते हैं…

आईटीआर फाइल करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

  1. इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आयकर रिटर्न फाइल करते समय इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। पहली और सबसे महत्वपूर्ण सावधानी यह है कि नियत तारीख पर या उससे पहले आयकर रिटर्न दाखिल किया जाए। करदाताओं को लेट या देरी से रिटर्न दाखिल करने से बचना चाहिए। 
    आयकर/हानि (हाउस प्रॉपर्टी के नुकसान के अलावा) की रिटर्न दाखिल करने में देरी के निम्नलिखित परिणाम हैं:
    a. नुकसान को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। 
    b. धारा 234A के तहत ब्याज का लेवी। 
    c. नियत तारीख के बाद दाखिल रिटर्न के लिए धारा 234F के तहत देर से दाखिल करने का शुल्क लगाया जाता है। यदि नियत तारीख के बाद रिटर्न प्रस्तुत किया जाता है तो 5,000 रुपये का लेट रिटर्न फाइन देना होगा। हालांकि, यदि कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो भुगतान की जाने वाली फाइन की राशि 1,000 रुपये होगी। 80-IA , 80-IAB , 80-IB , 80-IC , 80-ID और 80-IE के अंतर्गत कटौती उपलब्ध नहीं है। 80IAC , 80IBA , 80JJA , 80JJAA , 80LA , 80P , 80PA , 80QQB और 80RRB के अंतर्गत कटौती उपलब्ध नहीं है।
  2. करदाता को फॉर्म 26AS डाउनलोड करना चाहिए और वास्तविक भुगतान किए गए TDS/TCS/कर की पुष्टि करनी चाहिए। यदि कोई विसंगति दिखाई दे तो उसे दूर करने के लिए उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। 
  3. आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उपयोग किए जाने वाले दस्तावेजों जैसे बैंक स्टेटमेंट/पासबुक, ब्याज प्रमाणपत्र, निवेश प्रमाण जिन पर कटौती का दावा किया जाना है, खाता बही और बैलेंस शीट तथा लाभ-हानि खाता (यदि लागू हो) आदि को इकट्ठा करें और उनका ध्यानपूर्वक अध्ययन करें। 
  4. आयकर रिटर्न के साथ कोई भी दस्तावेज संलग्न नहीं करना है। करदाता को अपने मामले में लागू सही रिटर्न फॉर्म की पहचान करनी चाहिए। रिटर्न फॉर्म में सभी जानकारी सावधानीपूर्वक प्रदान करें। कुल आय, कटौती (यदि कोई हो), ब्याज (यदि कोई हो), कर देयता/वापसी आदि की गणना की पुष्टि करें। 
  5. सुनिश्चित करें कि अन्य जानकारी जैसे पैन, पता, ईमेल पता, बैंक खाता की जानकारी आदि सही हैं।


टैक्स का भुगतान न करने पर ब्याज, जुर्माना और जेल का प्रावधान

मिली जानकारी के अनुसार, टैक्स का भुगतान न करने पर ब्याज, जुर्माना और अभियोजन का प्रावधान है। अभियोजन के परिणामस्वरूप 3 महीने से 2 वर्ष तक का कठोर कारावास हो सकता है। वहीं, यदि टैक्स चोरी की राशि 25,00,000 रुपये से अधिक हो, तो सजा 6 महीने से 7 वर्ष तक हो सकती है।

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 24 August 2025 at 23:21 IST