अपडेटेड 7 September 2025 at 18:43 IST
India forex reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 3.5 बिलियन डॉलर की बढ़त, गोल्ड में शानदार उछाल
India forex reserves: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में, भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 बिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़े, जबकि 2022 में इसमें 71 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट दिखी थी।
- बिजनेस न्यूज
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India forex reserves: देश के केंद्रीय बैंक यानी RBI ने बीते दिनों भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार, देश के विदेश मुद्रा भंडार में 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 3.51 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। RBI के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 694.230 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
बताया गया कि इस बढ़ोतरी में मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा एसेट्स और सोने में वृद्धि की बड़ी भूमिका रही है। भारत के गोल्ड भंडार में भी शानदार बढ़त हुई है।
सोने के भंडार में भी बढ़त
RBI के आंकड़ों के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ देश के सोने यानी गोल्ड के भंडार में बड़ी उछाल आई है। इसके अनुसार वर्तमान में स्वर्ण भंडार 86.769 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्शाता है। वहीं, देश का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 में छुए गए 704.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अपने अब तक के सबसे उच्च स्तर के करीब पहुंच रहा है। लेटेस्ट मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (MPC) के बाद, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार देश के 11 महीने के आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
2022 से अब तक देश के विदेश मुद्रा भंडार के आंकड़े
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में, भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 बिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़े, जबकि 2022 में इसमें 71 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट दिखी थी। 2024 में, विदेशी मुद्रा भंडार में 20 अरब अमेरिकी डॉलर से थोड़ा ज्यादा की वृद्धि हुई। आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में कुल मिलाकर लगभग 53 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हो चुकी है।
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विदेशी मुद्रा भंडार, या एफएक्स भंडार
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange reserves), या एफएक्स भंडार, किसी देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा रखी गई परिसंपत्तियां (Assets) हैं, जो मुख्य रूप से रिजर्व मुद्राओं जैसे कि अमेरिकी डॉलर में होती हैं, और इनका छोटा हिस्सा यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग में होता है। रुपये के भारी अवमूल्यन (Steep depreciation of rupees) को रोकने के लिए आरबीआई अक्सर डॉलर बेचने सहित तरलता प्रबंधन (managing liquidity) के जरिए हस्तक्षेप करता है। आरबीआई रणनीतिक रूप से रुपया मजबूत होने पर डॉलर खरीदता है और कमजोर होने पर बेचता है।
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Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 7 September 2025 at 18:43 IST