पब्लिश्ड 07:38 IST, February 1st 2025
Budget 2025: तकाजा है वक्त का कि तूफान से जूझो... बजट पेश करते वक्त बोली गईं ये शेरो-शायरियां आज भी हैं चर्चा में
Budget 2025: बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्रियों के द्वारा बोली गई कुछ लाइनें आज भी दिल छू लेती हैं। जानते हैं इनके बारे में...

Budget 2025 | Image:
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Budget 2025: बता दें कि इस साल यानि साल 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इसी के साथ ये सबसे अधिक संख्या में पेश करने वाली वित्त मंत्री बन रिकॉर्ड बनाएंगी। 140 करोड़ भारतीय बेसब्री से इस बजट का इतंजार कर रहे हैं। इस साल न केवल आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं बल्कि बेरोजगार, किसान, रेलवे से जुड़े लोग भी अपनी नजर बजट पर टिकाए बैठे हैं।
वहीं निर्मला सीतारमण इस साल 8वीं बार बजट पेश करने जा रही हैं। हालांकि इससे पहले भी कई बार बजट पेश हुआ जिसमें वित्त मंत्रियों ने मशहूर लेखकों की कही बातों का जिक्र किया है। ऐसे में इन लाइनों के बारे में जानना तो बनता है, जिसके कारण वह बजट सत्र यादगार बन गया।
साल 1991 का बजट
- किसने किया बजट पेश: पूर्व प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह
- लाइनें: धरती की कोई ताकत उस विचार को नहीं रोक सकती, जिसका समय आ चुका है। - विक्टर ह्यूगो, प्रसिद्ध फ्रेंच लेखक
साल 2001 का बजट
- किसने किया बजट पेश: पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा
- लाइनें: "तकाजा है वक्त का कि तूफान से जूझो, कहां तक चलोगे किनारे-किनारे?"
साल 2007 का बजट
- किसने किया बजट पेश: पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम
- लाइनें: ज्यादा अनुदान, संवेदना, सही शासन और कमजोर वर्ग के लोगों को राहत ही अच्छी सरकार की पहचान हैं। - दार्शनिक तिरुवलुवर
साल 2017 का बजट
- किसने किया बजट पेश: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली
- लाइनें: कश्ती चलाने वालों ने जब हार कर दी पतवार हमें, लहर लहर तूफान मिले और मौज-मौज मझधार हमें, फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको, इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें।
साल 2021 का बजट
- किसने किया बजट पेश: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
- लाइनें: विश्वास वह चिड़िया है जो तब रोशनी का अहसास करती है और गीत गुनगुनाती है जब सुबह से पहले रात का अंधेरा छट रहा होता है। - रवींद्र नाथ टैगोर
अपडेटेड 09:47 IST, February 1st 2025