अपडेटेड 5 September 2024 at 18:38 IST

EXPLAINER/ अमेरिका से लड़ेंगे तो मरेंगे, 2 घंटे में रूस-चीन की निकल जाएगी हेकड़ी; न्यूक्लियर साइट्स निशाने पर!

US Vs Russia-China: अमेरिका बिना न्यूक्लियर अटैक किए रूस और चीन में तबाही ला सकता है।

अमेरिका की ये मिसाइल 2 घंटे में दुनिया से मिटा देगी रूस-चीन का नामोनिशान | Image: AP/Republic

US Vs Russia-China: अमेरिका और उसके सहयोगी रूस और चीन की 2 घंटे में हेकड़ी निकाल सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इसके लिए उन्होंने न्यूक्लियर अटैक करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

आपको बता दें कि अमेरिका के क्रूज मिसाइल्स रूस और चीन के न्यूक्लियर साइट्स को महज 2 घंटे में तबाह कर देने की काबिलियत रखते हैं। लंदन के सोआस यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर डैन प्लेश और मैनुअल गैलीलियो ने अपने पेपर में इसका जिक्र किया है, जिसे गुरुवार को पब्लिश किया गया है।

अमेरिका को यूं ही दुनिया की 'महाशक्ति' नहीं कहते!

रूस और चीन दोनों 'महाशक्ति' बनने का सपना देखते हैं। दोनों अमेरिका से आगे निकलने की रेस में हैं। इस पेपर में लिखा गया है कि अमेरिका से आगे निकलने की चाह में दोनों में से कोई-न-कोई न्यूक्लियर अटैक के बारे में सोच सकता है। हालांकि, अमेरिका की ताकत ऐसी है कि वो बिना न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल किए रूस और चीन के न्यूक्लियर फोर्स की हेकड़ी निकाल सकता है।

पेपर के लेखकों ने अनुमान लगाया है कि रूस के 150 न्यूक्लियर लॉन्च साइट्स और चीन के 70 साइट्स ऐसे हैं, जो नजदीकी बॉर्डर से करीब 2500 किमी पर स्थित हैं। इन साइट्स पर अमेरिका की हवा से लॉन्च की जाने वाली JASSM और टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें 2 घंटे से थोड़े अधिक समय में पहुंच सकती हैं, अगर उन्हें भनक लग गई कि रूस या चीन न्यूक्लियर अटैक करने वाला है।

पुतिन दे चुके हैं न्यूक्लियर अटैक की धमकी

कुछ लोगों का मानना ​​है कि अमेरिका और रूस या चीन के बीच एक बड़ा टकराव संभव है। यूक्रेन पर आक्रमण ने वैश्विक अनिश्चितता को नाटकीय रूप से बढ़ा दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मार्च में चेतावनी दी थी कि अगर उसकी संप्रभुता या स्वतंत्रता को खतरा हुआ तो मॉस्को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने को तैयार होगा।

इस पेपर के लेखकों ने लिखा है, अमेरिकी पारंपरिक मिसाइल क्षमताओं की ताकत ऐसी है कि यह रूस और चीन पर अपनी मिसाइलों को हेयर ट्रिगर पर रखने के लिए दबाव डालती है, जो तुरंत लॉन्च करने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोध के अनुसार, पिछले साल चीन ने अपने लॉन्चरों के साथ परमाणु हथियार (कुल 24) तैनात करना शुरू किया था और अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि उसे प्रतिक्रिया में अपने तैनात हथियारों का आकार बढ़ाना पड़ सकता है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 5 September 2024 at 18:28 IST