अपडेटेड 17 May 2025 at 11:07 IST

हिजाब उतार भूतिया स्टाइल में महिलाओं ने क्यों किया UAE में ट्रंप का स्वागत? ढोल, ताल के साथ बाल झटकना क्या है अल अय्याला?

UAE केराष्ट्रपति भवन, कसर अल वतन में मुस्लिम महिलाओं ने जिस अंदाज में राष्ट्रपति ट्रंप का स्वागत किया उसकी चर्चा जोरों पर हैं। जानतें हैं ताल के साथ बाल झटकना क्या है अल अय्याला?

भूतिया स्टाइल में महिलाओं ने किया UAE में ट्रंप का स्वागत | Image: X

राष्ट्रपति ट्रंप का UAE में मुस्लिम महिला डांसरों ने जिस अलग अंदाज में स्वागत किया वो काफी वायरल हो रहा है। वीडियो देखने के बाद लोग अब ये जानने चाह रहे हैं कि सभी रूढ़िवादी सोच को तोड़कर और हिजाब उतारकर मुस्लिम महिलाओं ट्रंप का स्वागत इस अंदाज में क्यों किया?  यूएई के राष्ट्रपति भवन, कसर अल वतन में पहुंचने पर राष्ट्रपति ट्रंप का एक अनोखे और आकर्षक पारंपरिक प्रदर्शन से स्वागत ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। बताया गया कि यह सऊदी अरब की पारंपरिक कला अल अय्याला है। जानते हैं क्या है अल अय्याला और इस परंपरा में क्या किया जाता है।


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचे थे तो उनका खास अंदाज में स्वागत किया गया था। ये स्वागत राष्ट्रपति भवन, कसर अल वतन में मुस्लिम महिलाओं ने किया था, जिसका वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि ढोल और यूएई के पारंपरिक गीतों की ताल के बीच ट्रंप आगे बढ़ रहे हैं और दोनों तरफ सफेद लिवाज में महिलाएं नजर आ रही हैं। महिलाएं अपने बालों को लहराते हुए ट्रंप का स्वागत करती दिख रही हैं। वहीं, पंक्ति में खड़े पुरुष हाथों में भाले, तलवार लेकर ढोल की थाप पर नृत्य कर रहे थे।

भूतिया स्टाइल में ट्रंप के सामने झूमी महिलाएं

इस वीडियो की चर्चा हर तरफ हो रही है और इस पर विवाद भी शुरू हो गया है। जिस मुस्लिम देश में महिलाओं को हिजाब हटाने की अनुमति नहीं हैं उन्हें अपने किसी गेस्ट के स्वागत में इस तरह बिना हिजाब के बालों को खोलकर झटकना हैरानी भरा लगा और मन में जिज्ञासा पैदा हो गई कि इस स्वागत के अंदाज को क्या कहा जाता है। तो बता दें कि ट्रंप की स्वागत में सफेद लिबास में महिलाओं द्वारा अल-अय्याला नामक बाल झटकने की रस्म निभाई गई। इस नृत्य के सांस्कृतिक महत्व भी है।

महिलाओं ने दिया अल-अय्याला की प्रस्तुति

अल-अय्याला (Al-Ayyala) यह प्रस्तुति ओमान और यूएई की एक सांस्कृतिक कला है, जिसमें महिलाएं अपने बालों को एक तरफ से दूसरी तरफ उछालती हैं। इसे यूनेस्को ने साल 2014 में सांस्कृतिक विरासत के तौर पर मान्यता दी है। अल अय्याला में मांत्रिक कविता गाना, ड्रम बजाना, नृत्य करना शामिल है। इसे एक शैलीगत युद्ध नृत्य के रूप में वर्णित किया जाता है, जिसमें आम तौर पर पुरुष दो पंक्तियों में आमने-सामने खड़े होते हैं। हाथ में तलवार या बांस की छड़ें लहराते हैं और ढोल की थाप और कविता के साथ ताल में चलते हैं।

ताल के साथ बाल झटकना क्या है अल अय्याला?

अल अय्याला ओमान और यूएई की पारंपरिक कला है। इसे यूनेस्को ने साल 2014 में सांस्कृतिक विरासत के तौर पर मान्यता दी है। अल अय्याला में मांत्रिक कविता गाना, ड्रम बजाना, नृत्य करना शामिल है। इस कला में जो दृश्य दिखाया जाता है वह युद्ध के जैसा होता है। इस कला प्रदर्शन के दौरान 20 पुरुषों को दो पंक्तियों में आमने-सामने खड़ा किया जाता है। वे हाथ में बांस की पतली डंडिया लिए हुए होते हैं, जो भाले और तलवार का प्रदर्शन करती है। दोनों पंक्तियों के बीच में कुछ पुरुष छोटे और बड़े आकार ड्रम बजाते हैं। उनके हाथ में डफ और पीतल की झांझ भी होती है। यहां पर पारंपरिक पोशाक सफेद गाउन पहने लड़कियां सामने खड़ी होती हैं और अपने लंबे बालों को एक तरफ से दूसरी तरफ उछालती हैं।

 

वैसे तो Al-Ayyala, इस पारंपरिक कला को पुरुषों द्वारा किया जाता है मगर संयुक्त अरब अमीरात में महिलाएं भी इसमें भाग लेती हैं। अल-अय्याला को आमतौर पर शादियों और राष्ट्रीय समारोह के दौरान के दौरान इस नृत्य को किया जाता है। अल अय्याला एकीकृत प्रदर्शन के रूप में सांस्कृतिक महत्व रखता है, जिसमें सभी उम्र, लिंग और सामाजिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल होते हैं। इस नृत्य को विरासत और गौरव का प्रतीक माना जाता है, जो सांप्रदायिक पहचान और कलात्मक अभिव्यक्ति दोनों का जश्न मनाता है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 17 May 2025 at 11:07 IST