अपडेटेड 26 March 2025 at 07:45 IST
ट्रंप का भरोसेमंद ही निकला 'विभीषण', लीक कर दिया अमेरिका का सीक्रेट वॉर प्लान; जानिए किस एक गलती से US में मचा हाहाकार
अमेरिका का यमन पर हमले का War Plan लीक करने को लेकर ट्रंप के सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने बड़ा खुलासा किया है। वाल्ट्ज ने ग्रुप चैट लीक होने को लेकर खुलासा किया।
US News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यमन में सैन्य हमलों के खिलाफ वॉर प्लान लीक हो गया, जिसके बाद हलचल काफी तेज हो गई। आखिरकार ये चैट किसने और कब लीक किया इसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने मंगलवार को एक सीनियर पत्रकार को गलती से उस ग्रुप चैट में जोड़ने की “पूरी जिम्मेदारी” ली। इस ग्रुप चैट में शीर्ष अमेरिकी अधिकारी यमन में आसन्न हमलों पर चर्चा कर रहे थे।
सुरक्षा उल्लंघन पर अपने पहले साक्षात्कार में माइक वाल्ट्ज ने फॉक्स न्यूज की मेजबान लॉरा इंग्राहम को बताया, "मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मैंने समूह बनाया है; मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि सब कुछ समन्वित हो।" उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से अटलांटिक के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को नहीं जानते हैं, जिन्हें सिग्नल पर चैट ग्रुप में जोड़ा गया था।
ट्रंप लेंगे आखिरी फैसला
चूंकि वॉल्ट्ज की इस गलती पर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस तरह से वॉल्ट्ज का करियर खत्म हो जाना चाहिए। हालांकि, आखिरी फैसला राष्ट्रपति ट्रंप का ही होगा। सूत्रों के अनुसार, वाल्ट्ज और ट्रंप ने इस घटना के बारे में बातचीत की। अभी के लिए राष्ट्रपति अपने एनएसए के साथ खड़े हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, "जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, हूतियों पर हमले अत्यधिक सफल और प्रभावी रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज सहित अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम पर अत्यधिक विश्वास है।"
ये सभी लोग ग्रुप चैट का हैं हिस्सा
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले को कमतर आंकते हुए कहा कि यह उनके प्रशासन की "दो महीनों में एकमात्र गड़बड़ी" थी। हालांकि, डेमोक्रेटिक सांसदों ने अत्यधिक संवेदनशील जानकारी को लापरवाही से संभालने के लिए प्रशासन की आलोचना की। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड सहित शीर्ष अधिकारी सिग्नल ग्रुप चैट का हिस्सा थे, जिसमें द अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग भी जुड़े थे।
अमेरिकी सेवा सदस्यों की बढ़ी चिंता
गोल्डबर्ग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए एपी ने कहा कि इन टेक्स्ट में "यमन में ईरान समर्थित हूति विद्रोहियों पर आगामी हमलों के संचालन संबंधी डिटेल्स" का खुलासा किया गया। इसमें टारगेट, हथियार और हमले का क्रम शामिल है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने भी टेक्स्ट सीरीज की प्रामाणिकता की पुष्टि की। इससे परिचालन सुरक्षा और अमेरिकी सेवा सदस्यों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
यह कैसे हुआ?
बता दें, यह तब हुआ जब ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने गोल्डबर्ग को सिग्नल ग्रुप चैट में जोड़ा। 15 मार्च को लीक होने के ठीक दो घंटे बाद, अमेरिका ने यमन में हूति ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए, जो टेक्स्ट में साझा किए गए डिटेल्स के अनुसार था। अपनी पहली टिप्पणी में, हेगसेथ ने कहा, "कोई भी युद्ध की योजनाएं नहीं भेज रहा था और मुझे इस बारे में बस इतना ही कहना है।" हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि सिग्नल- एक एन्क्रिप्टेड लेकिन अवर्गीकृत ऐप- का इस्तेमाल ऐसी संवेदनशील चर्चाओं के लिए क्यों किया गया या गोल्डबर्ग का नंबर कैसे शामिल किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 26 March 2025 at 07:36 IST