अपडेटेड 11 October 2025 at 16:11 IST
अमेरिका ने लगाया 130 प्रतिशत टैरिफ तो चीन ने चल दी नई चाल, भारत के साथ डील की रखी ऐसी शर्तें; भन्ना जाएगा ट्रंप का माथा
बीजिंग ने रेयर अर्थ मैटेरियल्स पर एक नई चाल चल दी। उसने भारत को निर्यात करने से पहले शर्त भी रख दी कि ये किसी भी रास्ते से अमेरिका तक नहीं पहुंचना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दी है। उन्होंने भारत जैसे दोस्तों पर तो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया ही, साथ ही चीन पर भी 130 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया।
इस बीच चीन भी शांत बैठने वाला नहीं है। बीजिंग ने रेयर अर्थ मैटेरियल्स पर एक नई चाल चल दी। उसने भारत को निर्यात करने से पहले शर्त भी रख दी कि ये किसी भी रास्ते से अमेरिका तक नहीं पहुंचना चाहिए।
आपको बता दें कि चीन ने अमेरिका के रेयर अर्थ मिनरल्स शिपमेंट को भी कम करने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में ये बात तो साफ है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका को गहरी चोट देने के फिराक में हैं।
क्या है पूरा मामला?
न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन चाहता है कि भारत लिखित आश्वासन दे कि चीनी कंपनियों से आयात किए गए रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग केवल घरेलू उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। बीजिंग, वासेनार समझौते के समान एक्सपोर्ट कंट्रोल कमिटमेंट की मांग कर रहा है, जो इसके 42 सदस्य देशों के बीच दोहरे उपयोग वाली तकनीकों और वस्तुओं के निर्यात को कंट्रोल करता है।
आपको बता दें कि भारत वासेनार समझौते पर सिग्नेटरी है, लेकिन चीन ने इस समझौते पर साइन नहीं किया है। हालांकि, बीजिंग कथित तौर पर चाहता है कि भारत किसी भी शिपमेंट को फिर से शुरू करने से पहले इसी तरह के अंतिम-उपयोग प्रमाणन नियमों का पालन करे। समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों ने पहले ही एंड यूजर सर्टिफिकेट (EUCs) जमा कर दिए हैं, जो कन्फर्म करते हैं कि इन चुम्बकों का उपयोग सामूहिक विनाश के हथियारों के उत्पादन में नहीं किया जाएगा।
भारत ने अभी तक मांग को स्वीकार नहीं किया
न्यूज रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि नई दिल्ली ने अभी तक बीजिंग की निर्यात नियंत्रण गारंटी की मांग को स्वीकार नहीं किया है।
चीन दुनिया के लगभग 90 प्रतिशत रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन करता है और ग्लोबल प्रोसेसिंग कैपेसिटी पर उसका दबदबा है। हाल के वर्षों में बीजिंग ने देश-विशिष्ट निर्यात आंकड़ों को रोककर पारदर्शिता को कम किया है, जिससे व्यापार वार्ताओं में, विशेष रूप से अमेरिका के साथ, उसका प्रभाव बढ़ा है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 11 October 2025 at 16:11 IST