अपडेटेड 11 August 2025 at 23:15 IST

'ट्रैरिफ बम' के जरिए प्रेशर बनाने के प्लान की निकली हवा... अब डोनाल्ड ट्रंप जाएंगे रूस, भारत को तेल बेचने के मुद्दे पर भी पुतिन से करेंगे बात?

Donald Trump-Putin Meeting: ट्रंप खुद राष्ट्रपति पुतिन से मिलने रूस जाने वाले हैं। उनका अलास्का जाने का प्लान कैंसिल हो गया है और उन्होंने कहा है कि वो पुतिन से अब सीधे रूस में मिलेंगे।

पीएम मोदी-डोनाल्ड ट्रंप-पुतिन | Image: AP/X/NarendraModi

Donald Trump-Putin Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसका कारण उन्होंने साफ किया है कि जो भी देश रूसी तेल खरीदेगा, उस पर टैरिफ लगेगा। अब ट्रंप खुद राष्ट्रपति पुतिन से मिलने रूस जाने वाले हैं। उनका अलास्का जाने का प्लान कैंसिल हो गया है और उन्होंने कहा है कि वो पुतिन से अब सीधे रूस में मिलेंगे।

सवाल ये है कि जिस रूसी तेल की खरीद को लेकर ट्रंप भारत को धमकियां दे रहे हैं, उसी तेल की बात क्या वो पुतिन से करेंगे? क्या उनमें इतनी हिम्मत है कि वो पुतिन से कह दें कि तुम दूसरे देशों को तेल नहीं बेचो।

रूस जाने वाले पहले राष्ट्रपति नहीं होंगे ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप से पहले आइजनहावर, रीगन, जॉर्ज बुश सीनियर, जॉर्ज बुश जूनियर भी अपने-अपने वक्त में रूस का दौरा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि इस वार्ता के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बात बन सकती है और ट्रंप ये युद्ध रोकने के लिए पुतिन को मना सकते हैं। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ऐसा नहीं मानते। उनका मानना है कि अगर ये बैठक उनके बिना हो रही है, तो इससे रूस-यूक्रेन युद्ध रुकने की संभावना बिल्कुल नहीं है।

ऐसे में जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की और रूस-यूक्रेन युद्ध में अपना पक्ष साफ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भी जेलेंस्की से कहा कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है।

क्या निकलेगा कोई समाधान?

रूस-यूक्रेन युद्ध हो या टैरिफ वॉर, ट्रंप से हर कोई तंग आ चुका है। ऐसे में ये तो मुमकिन नहीं है कि पुतिन बिना किसी शर्त के ट्रंप की बात मान लें। चूंकि ये मीटिंग जेलेंस्की के बिना हो रही है, ऐसे में अगर पुतिन कोई शर्त रखते हैं, तो ट्रंप को फिर जेलेंस्की को मनाने में दिक्कत आ सकती है। ये इतना आसान तो नहीं हो सकता है कि ट्रंप बोलें और जेलेंस्की सिर झुकाकर यूक्रेन का एक टुकड़ा भी पुतिन को देने पर राजी हो जाएं। ऐसे में जेलेंस्की का मानना भी कुछ हद तक सही है कि इस वार्ता से समाधान निकलने की संभावना काफी कम है।

टैरिफ पर क्या होगा पुतिन का नजरिया?

डोनाल्ड ट्रंप ने जब से कुर्सी संभाली है, तब से दुनियाभर के देशों को अपने खिलाफ करने के अलावा कुछ नहीं किया है। ऐसा कोई देश नहीं है, जिसे डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी ना दी हो। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन को भी टैरिफ की धमकी दी है। ऐसे में पुतिन इस मीटिंग में ट्रंप के सामने ढीले तो नहीं पड़ेंगे। दूसरी तरफ, तेल बिक्री के मुद्दे पर ट्रंप ने दुनियाभर के देशों को रूस के खिलाफ लाने के लिए खूब दबाव बनाया है, जिससे पुतिन खुश नहीं हैं। रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान के जरिए भारत पर टैरिफ लगाने की आलोचना भी की थी। ऐसे में सवाल ये है कि क्या 'दोस्त' के पीठ में खंजर भोंकने के बाद भी क्या ट्रंप पुतिन से दोस्ती की उम्मीद कर सकते हैं? भारत पर रूसी तेल को लेकर लगाए गए टैरिफ को लेकर पुतिन के साथ क्या बातचीत होगी? इन सवालों के जवाब तो मीटिंग के बाद ही मिलेंगे, लेकिन ये तो साफ है कि दोनों की इस बैठक पर दुनियाभर की नजर जम गई है, और हर कोई इंतजार कर रहा है कि इस बैठक का परिणाम क्या होगा।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 11 August 2025 at 23:15 IST