अपडेटेड 22 May 2025 at 23:12 IST

'ट्रंप तो हर बात की क्रेडिट खुद लेते हैं', भारत-पाकिस्तान के सीजफायर के दावे पर बोले पूर्व अमेरिकी NSA

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक के बीच जो सीजफायर हुए उसे लेकर कब से क्रेडिट लेने की होड़ लगी हुई है। हालांकि, ट्रंप के सीजफायर के दावों पर पूर्व अमेरिकी NSA ने बड़ा बयान दिया है।

ट्रंप तो हर बात की क्रेडिट लेते हैं: पूर्व अमेरिकी NSA ने इंडिया-पाक सीजफायर दावे पर दिया बड़ा बयान। | Image: Republic

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सीजफायर का क्रेडिट लेने की होड़ लगी हुई है। एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति दोनों देशों के बीच सीजफायर के लिए खुद को जिम्मेदार बता रहे हैं, तो वहीं भारत लगातार इस बात को कह रहा है कि ये सीजफायर भारत की ओर से तब की गई, जब पाकिस्तान ने उनसे संपर्क किया। हालांकि, इस मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बुधवार को भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौते का श्रेय लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की।

पूर्व अमेरिकी NSA ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की हर चीज का श्रेय लेने की आदत को परेशान करने वाला बताया। हालांकि उन्होंने ये भी साफ कर दिया किया कि इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, "यह डोनाल्ड ट्रंप हैं, जो हर चीज का श्रेय लेते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस तथा विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी इस बातचीत में शामिल थे।"

ट्रंप को लेकर क्या बोले पूर्व अमेरिकी NSA?

उन्होंने आगे कहा, "यह ट्रंप की खासियत है क्योंकि वह बाकी सभी को श्रेय लेने से पहले ही कूद पड़ते हैं। यह परेशान करने वाला हो सकता है, शायद कई लोगों को परेशान करने वाला हो, लेकिन यह भारत के खिलाफ कुछ नहीं है, यह सिर्फ ट्रंप का ट्रंप होना है।"

पहलगाम आतंकी हमले पर पूर्व अमेरिकी NSA का बयान

पूर्व अमेरिकी एनएसए ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद भारत के आत्मरक्षा में कार्रवाई करने के अधिकार का भी समर्थन किया। बता दें, पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। बोल्टन ने एएनआई से कहा, "भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के अंदर उन स्थानों के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का हकदार था, जहां से आतंकवादी हमले की योजना बनाई गई थी और उसे अंजाम दिया गया था। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जब कोई देश अपने क्षेत्र में चल रही इस तरह की आतंकवादी गतिविधि को नियंत्रित नहीं कर सकता है या वास्तव में, इसमें योगदान दे सकता है।"

इसे भी पढ़ें: जापान के सकुराजिमा ज्वालामुखी में क्यों होता है बार-बार विस्फोट? 3000 मीटर ऊपर आसमान में राख-धुंओं का गुबार; VIDEO

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 22 May 2025 at 23:12 IST