अपडेटेड 5 November 2024 at 18:09 IST

अमेरिकी चुनाव में 'हिंदू फैक्टर', क्या चुनाव में उलटफेर कर सकते हैं भारतीय मूल के वोटर?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिंदू वोटर निर्णायक भूमिका में है। हिंदू वोटरों की तरफ सबकी निगाहें है। ट्रंप हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर रेस में बढ़त में हैं।

डोनाल्ड ट्रंप की AI जनरेटेड तस्वीर | Image: Instagram

US Presidential Election 2024: अमेरिका में इस बार राष्ट्रपति चुनाव में कांटे की टक्कर है। डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला कड़ा है। पूरी दुनिया की नजर इस पर ही है कि इस बार व्हाइट हाउस की कुर्सी कौन संभालेगा? आंकड़ों को समझें तो ट्रंप और कमला हैरिस की किस्मत रेड स्टेट्स, ब्लू स्टेट्स और स्विंग स्टेट्स के मतदाताओं के भरोसे है, लेकिन वहां समीकरण ऐसे हैं कि ये अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि किसके हाथ जीत लगेगी और किसके हाथ हार।

इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिंदू वोटर निर्णायक भूमिका में है। हिंदू वोटरों की तरफ सबकी निगाहें लगी है और यही वजह है कि ट्रंप ने हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर रेस में बढ़त बना ली है। हालांकि, अमेरिका में हुए सर्वे के मुताबिक, स्विंग स्टेट्स के 7 राज्यों में से तीन राज्यों में वोटर्स कमला हैरिस को वोट देने का पूरी तरह मन बना चुके हैं और बाकी राज्यों में भी आखिर तक खेल पलट सकता है। ऐसे में अलग-अलग देशों के अप्रवासियों के वोट का भी रोल अहम होगा, जोकि एक बड़ा वोटबैंक है। खासकर भारतीयों को अहम वोटबैंक माना जा रहा है।

हिंदू वोट जिधर, जीत उधर!

अमेरिका में भारतीय मूल के नागरिकों की जनसंख्या कुल आबादी की 2 प्रतिशत से भी है कम है। अमेरिका में करीब 52 लाख भारतीय रहते हैं, जो अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा अप्रवासी समुदाय है। अमेरिका में करीब 26 लाख भारतवंशी रजिस्टर्ड वोटर हैं। भारतीय समुदाय 2020 के चुनाव में जो बाइडेन के साथ था और अब 2024 के रुझान में ट्रंप के समर्थन में बढ़ोतरी दिखी है। कमला हैरिस को जो बाइडन की तुलना में भारतीय लोगों का कम वोट मिल सकता है।

ट्रंप भारतीयों की पसंद क्यों?

डोनाल्ड ट्रंप की तरफ भारतीय वोटरों के झुकाव की भी कई वजह हैं। भारत के प्रति स्टैंड की बात करें, तो तय है कि ट्रंप भारत की पहली पसंद हैं। क्योंकि कश्मीर के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ खड़े हैं। जबकि, कमला का रुख इस मुद्दे पर ढुलमुल रहा है। ट्रंप भारत के प्रतिद्वंदी चीन के घनघोर विरोधी हैं और हैरिस चीन के मुद्दे पर भी रुख साफ नहीं करतीं। ट्रंप पाकिस्तान के आतंकपरस्त नीतियों के खिलाफ हैं और कमला की पार्टी का स्टैंड दोमुंहा रहा है। ट्रंप बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हैं, जबकि रिपब्लिकन पार्टी बांग्लादेश के मामले में कटघरे में है।

डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं का मुद्दा उठाया, हिंदुओं के खिलाफ बर्बरता की निंदा की है। बांग्लादेश की अराजकता का जिक्र किया और कमला हैरिस ने हिंदुओं की अनदेखी की। ट्रंप ने हिंदू अमेरिकियों की रक्षा का वादा किया, हिंदुओं की आजादी को लड़ने की बात कही और भारत के साथ मजबूत साझेदारी का वादा है। यहां तक की ट्रंप ने अपनी टीम में भी हिंदुओं को जगह दी है। ट्रंप ने पीएम मोदी को अपना दोस्त बताया और दिवाली की भी शुभकामनाएं दी।

कमला को हिंदुओं का कितना समर्थन?

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ रही कमला हैरिस भारतीय मूल की हिंदू हैं। हिंदू फैक्टर की वजह से वो प्रत्याशी बनी हैं। जो बाइडेन ने अपनी दावेदारी छोड़ दी थी। कमला की दावेदारी से मुकाबला कड़ा हो गया है। कमला हैरिस सिर्फ हिंदू फेस बनी रहीं, लेकिन उन्होंने हिंदू हित की बात नहीं की। इसलिए सर्वे में धीरे-धीरे पिछड़ने लगीं। कमला खुलकर हिंदुओं को साध नहीं पाईं। 

ये भी पढ़ें: US Election 2024: मतदान शुरू, कब आएंगे नतीजे? भारत में कब और कहां देखें रिजल्ट? जानिए सबकुछ

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 5 November 2024 at 18:09 IST