अपडेटेड 31 May 2025 at 10:04 IST
भारत-पाकिस्तान में अब युद्ध हुआ तो क्या करेगा अमेरिका? डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान, न्यूक्लियर वॉर रुकवाने का दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर की क्रेडिट लेने की कोशिश की है। उन्होंने दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप से एक बड़ा न्यूक्लियर वॉर रूक गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच युद्ध रोकने में उन्होंने अहम भुमिका निभाई है। ट्रंप ने कहा कि वहां के नेता समझदार हैं, उन्होंने हमारी बात मानी और लड़ाई रोक दी। अगर यह नहीं रुकती तो मेरा मानना है कि इससे परमाणु आपदा हो सकती थी।
बीते दिनों ट्रंप ने खुद ही कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। मगर एक फिर अब राष्ट्रपति ट्रंप इसका दावा कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि जिस सौदे पर मुझे सबसे ज्यादा गर्व है, वह यह है कि हम भारत के साथ काम कर रहे हैं, हम पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं, और हम गोलियों के बजाय व्यापार के जरिए संभावित परमाणु युद्ध को रोकने में सक्षम हुए।
भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ट्रंप का बड़ा बयान
राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा, हमने व्यापार पर बात की और कहा हम उन लोगों के साथ व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हैं और संभावित रूप से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अच्छी बात रही है कि दोनों देशों के नेताओं ने इसे समझा और वो युद्ध रोकने पर सहमत हुए। इसलिए मुझे इस पर बहुत गर्व है। पाकिस्तान और भारत के बीच एक बहुत ही खतरनाक संभावित युद्ध चल रहा था। मगर अब अगर आप देखें, तो सब ठीक चल रहा हैं।
ट्रंप ने किया न्यूक्लियर वॉर रुकवाने का दावा
ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया था कि यह न्यूक्लियर युद्ध में तब्दील हो सकता था। उन्होंने कहा, अगर हमने हस्तक्षेप न किया होता, तो यह लड़ाई न्यूक्लियर तबाही बन सकती थी। हालांकि, यह बयान उनके पिछले दावे से विरोधाभासी है। कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में उनकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी। अब उनके ताजा बयान से यह संकेत मिल रहा है कि वह इस कूटनीतिक सफलता का श्रेय लेना चाहते हैं। ट्रंप के इस बयान से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक बार फिर से भारत-पाक रिश्तों और अमेरिका की मध्यस्थ भूमिका को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 31 May 2025 at 10:03 IST