अपडेटेड 28 August 2025 at 08:34 IST
'हमें अपनी बकैती से दूर रखो', परमाणु मामले में 'रट्टू तोता' बने ट्रंप को चीन ने लगाई लताड़, बोला- रूस के साथ करो गलबहियां
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा है कि अमेरिका के साथ चीन के परमाणु ताकत की तुलना करना ही बेकार है। जिन देशों के पास ज्यादा परमाणु हथियार है, वो अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ टैरिफ ही नहीं, बल्कि परमाणु मामले में भी अपनी नाक घुसाए बैठे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि न्यूक्लियर टेबल पर बैठने के लिए रूस तैयार है, और चीन भी राजी हो जाएगा। हालांकि, चीन ने अब इस मामले में बातचीत करने से इनकार कर दिया है।
चीन ने ट्रंप की अपील को मानने से इनकार करते हुए कहा है कि ये ना ही सही है, और ना ही संभव है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा है कि अमेरिका के साथ चीन के परमाणु ताकत की तुलना करना ही बेकार है। जिन देशों के पास ज्यादा परमाणु हथियार है, वो अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
अमेरिका-रूस के पास कितने परमाणु बम?
दुनिया का 80 प्रतिशत परमाणु हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं। साल 2023 में रूस ने अमेरिका के साथ हथियार नियंत्रण समझौता तोड़ दिया था। 2025 की एक रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका के बाद 5277 से ज्यादा परमाणु बम हैं, रूस के पास 5459, और चीन के बाद करीब 600 वारहेड हैं। बताया जा रहा है कि चीन अपने परमाणु बमों की संख्या में लगातार वृद्धि कर रहा है।
2023 के बाद परमाणु निरस्त्रीकरण के टॉपिक पर बात करना मुश्किल हो गया था। हालांकि, रूस अब अमेरिका के साथ टेबल पर बैठने को तैयार है, लेकिन चीन ने कहा है कि उसके पास हथियारों की संख्या उतनी ही है, जितनी उसे अपने देश की रक्षा के लिए जरूरी हैं। हालांकि, आंकड़े इस बात की पुष्टि नहीं करते।
चीन को क्यों हो रही दिक्कत?
चीन का कहना है कि उसे बातचीत से दिक्कत नहीं है, लेकिन वो अमेरिका और रूस के बराबर नहीं है। अमेरिका और रूस के पास परमाणु हथियारों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में उन्हीं दोनों को टेबल पर बैठना चाहिए। चीन का मानना है कि इस मीटिंग के जरिए उसपर दबाव डालने की कोशिश की जाएगी, जो उसे मंजूर नहीं है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 28 August 2025 at 08:34 IST