अपडेटेड 18 June 2024 at 20:53 IST
Modi 3.0 की सरकार बनते ही कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो के बदले सुर, जानिए PM मोदी को लेकर क्या कह दिया
Justin Trudeau-PM Modi: कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं।
Justin Trudeau-PM Modi: कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी के साथ अपनी हालिया मुलाकात के बाद उन्होंने विभिन्न मोर्चों पर नई भारत सरकार के साथ जुड़ने के बारे में अपनी इच्छा जाहिर की। उन्होंने आर्थिक संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर सहयोग बढ़ाने की क्षमता पर जोर दिया।
आपको बता दें कि ट्रूडो ने दावा किया था कि भारतीय एजेंट खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच के संबंध नाजुक हो गए थे। CBC न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में ट्रूडो ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत और कनाडा के बीच तालमेल पर भी बात की।
G7 समिट में हुई थी दोनों नेताओं की मुलाकात
पिछले साल सितंबर में कनाडाई संसद में भारत के खिलाफ ट्रूडो के आरोपों के बाद दक्षिणी इटली के अपुलिया में हाल ही में संपन्न G7 समिट में प्रधानमंत्री मोदी और प्रधान मंत्री ट्रूडो की पहली बैठक हुई। एक इंटरव्यू में ट्रूडो ने बताया कि समिट ने उन्हें भारत सहित विभिन्न नेताओं के साथ सीधे जुड़ने का अवसर दिया, जिसके साथ लोगों के बीच महत्वपूर्ण संबंध और महत्वपूर्ण आर्थिक संबंध हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर तालमेल है, जिन पर लोकतंत्रों और वैश्विक समुदाय को ध्यान देने की जरूरत है।
ट्रूडो ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दोबारा चुने जाने से राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून का शासन और कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने जैसे गंभीर मामलों पर बातचीत का अवसर मिला है। निज्जर हत्याकांड की जांच में भारत से सहयोग के बारे में पूछे जाने पर ट्रूडो ने कहा कि काम जारी है।
पिछले साल विदेश मंत्रालय (MEA) ने ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों की कड़ी निंदा की थी और उन्हें बेतुका और प्रेरित बताया था। भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंध कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक तत्वों को शरण देने के कारण पैदा हुए हैं, जो कनाडा की धरती से बेखौफ होकर काम करते हैं। भारत ने भी इस मुद्दे को लेकर बार-बार अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 18 June 2024 at 20:53 IST