अपडेटेड 2 August 2025 at 23:29 IST

पहले बोला पाकिस्तान के पास तेल है भारत को बेचेगा, अब खुद भेजेंगे कच्चे तेल की पहली खेप... प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए दाल गलाना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप?

US Crude Oil to Pakistan: पाकिस्तान अपनी तेल की जरूरतों के लिए मिडिल ईस्ट के देशों पर निर्भर था, लेकिन अब अमेरिका से तेल मिलने से उसकी निर्भरता कम होगी।

डोनाल्ड ट्रंप-पीएम मोदी-शहबाज शरीफ | Image: ANI

US Crude Oil to Pakistan: अमेरिका पाकिस्तान को पहली बार कच्चा तेल भेज रहा है। पाकिस्तान की सबसे बड़ी रिफाइनरी सीनेर्जिको ने अमेरिकी कंपनी वाइटल से 10 लाख बैरल तेल खरीदने का समझौता किया है। यह तेल अमेरिका के ह्यूस्टन से भेजा जाएगा और अक्टूबर के आखिरी हफ्ते तक कराची पहुंचेगा।

अभी तक पाकिस्तान अपनी तेल की जरूरतों के लिए मिडिल ईस्ट के देशों पर निर्भर था, लेकिन अब अमेरिका से तेल मिलने से उसकी निर्भरता कम होगी। पिछले साल पाकिस्तान ने लगभग 11.3 अरब डॉलर का तेल आयात किया था, जो उसके कुल आयात का 20% है।

सीनेर्जिको की रिफाइनरी रोजाना 1,56,000 बैरल तेल प्रोसेस कर सकती है, लेकिन फिलहाल सिर्फ 30-35% पर काम हो रहा है क्योंकि पाकिस्तान में तेल की मांग कम है। कंपनी उम्मीद कर रही है कि आने वाले सालों में मांग बढ़ेगी और रिफाइनरी पूरी क्षमता पर काम करने लगेगी।

ट्रंप का भारत को इशारा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह पसंद नहीं आ रहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। उन्होंने पाकिस्तान को तेल देकर भारत को एक तरह से यह संदेश दिया है कि अब उसे रूस पर निर्भरता कम करनी चाहिए।

ट्रंप प्रशासन ने भारत से आने वाली चीजों पर 25% टैक्स लगाया है। वहीं, पाकिस्तान पर 19% टैक्स लगेगा जो 7 अगस्त से लागू होगा। इससे साफ है कि अमेरिका फिलहाल पाकिस्तान को राहत दे रहा है और भारत पर दबाव बना रहा है।

अमेरिका यह भी कह रहा है कि वह पाकिस्तान के तेल भंडार को विकसित करने में मदद करेगा। इसके पीछे ये भी मकसद है कि पाकिस्तान को चीन के असर से दूर करना और अपने करीब लाना।

भारत के पीछे क्यों पड़े ट्रंप?

इसकी सबसे बड़ी वजह कृषि उत्पाद हैं। डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत मक्का, सोयाबीन, गेहूं पर टैरिफ कम करे। हालांकि, भारत ने इस बात को मानने से साफ इनकार कर दिया है। इसके अलावा, ट्रंप भारत में डेयरी प्रोडक्ट्स का बाजार भी खोलना चाहते हैं, लेकिन इससे भारत के करोड़ों लोगों के रोजगार पर आफत आ जाएगी.

दूसरी ओर, अगर भारत अमेरिकी शर्तें नहीं मानता, तो अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते और मजबूत कर सकता है। ट्रंप का मानना है कि इससे भारत की स्थिति कमजोर हो सकती है। ट्रंप का यह कदम सिर्फ पाकिस्तान की मदद नहीं, बल्कि भारत पर दबाव डालने का तरीका भी है। अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी बात माने, वरना वो पड़ोसी मुल्क को आगे कर सकता है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 2 August 2025 at 23:29 IST