अपडेटेड 3 September 2025 at 22:12 IST

खतरे में अमेरिका की बादशाहत... डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां ड्रैगन और जिनपिंग को बना रही मजबूत- चीन के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

US vs China Supremacy: ज्यादातर लोग चीन को दुनिया में एक मजबूत देश मानते हैं, लेकिन इस पर राय बंटी हुई है कि असली बड़ी शक्ति कौन है, अमेरिका या चीन।

Donald Trump-Xi Jinping | Image: X

US vs China Supremacy: मंगलवार को जारी एक सर्वे में सामने आया है कि अधिकतर चीनी लोग चाहते हैं कि उनका देश वैश्विक मामलों में सक्रिय भूमिका निभाए। ज्यादातर लोग चीन को दुनिया में एक मजबूत देश मानते हैं, लेकिन इस पर राय बंटी हुई है कि असली बड़ी शक्ति कौन है, अमेरिका या चीन।

यह सर्वे शिकागो काउंसिल ऑन ग्लोबल अफेयर्स और द कार्टर सेंटर ने मिलकर किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में राष्ट्रवाद मजबूत है और लोग मानते हैं कि आने वाले पांच साल में उनका देश और ताकतवर होगा।

अमेरिका की नीतियों से तुलना

सर्वे का नतीजा ऐसे समय में आया है जब डोनाल्ड ट्रंप के "अमेरिका फर्स्ट" एजेंडे के चलते अमेरिका अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और सहयोग से पीछे हट रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे चीन की वैश्विक छवि और प्रभाव को बढ़ावा मिल सकता है।

रिपोर्ट बताती है कि लगभग 70% चीनी मानते हैं कि उनकी सैन्य, आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक उपलब्धियां चीन को सबसे महान बनाती हैं। वृद्धों में यह सोच अधिक मजबूत है, लेकिन युवा भी यही राय रखते हैं।

ताइवान और सैन्य दृष्टिकोण

सर्वे के अनुसार, लोग युद्ध नहीं चाहते, लेकिन बीजिंग को सैन्य बल प्रयोग का जनसमर्थन है। ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर गलती से बड़ा संघर्ष भड़क सकता है। फिर भी सर्वे ने यह भी दिखाया कि चीन अमेरिका से बातचीत करने को तैयार है।

लोग चीन की आर्थिक उपलब्धियों पर गर्व करते हैं, लेकिन चुनौतियां भी मानते हैं। सिर्फ 21% ने अर्थव्यवस्था को "बहुत अच्छा" बताया, जबकि 63% ने "कुछ हद तक अच्छा" कहा। आर्थिक मंदी के लिए अमेरिकी प्रतिबंध, बेरोजगारी, पूंजी पलायन और कोविड-19 को जिम्मेदार माना गया।

33% लोगों ने कहा कि वे सिर्फ जरूरी चीजें ही खरीद पाते हैं, और 11% ने बताया कि बुनियादी जरूरतें पूरी करने में भी कठिनाई है। इसके बावजूद आधे लोग अगले साल सुधार की उम्मीद रखते हैं।

अमेरिका के साथ संबंध

सिर्फ 17% चीनी अमेरिका को दोस्त मानते हैं। ताइवान को संभावित संघर्ष का सबसे बड़ा कारण माना गया है। हालांकि, दस में से सात चीनी मानते हैं कि व्यापार संबंध सकारात्मक हैं और अमेरिका के साथ संतुलित रिश्ता रखना चाहिए।

लोगों ने भारत, जापान और दक्षिण कोरिया को "कम दोस्ताना" पड़ोसी बताया। रूस और उत्तर कोरिया को चीन के करीबी देशों में गिना गया। दिलचस्प बात यह रही कि आम ताइवानी लोगों को भी चीनी जनता ने अपना करीबी माना, ताइवान सरकार को नहीं।

यह सर्वे अप्रैल-जून के बीच 1,002 वयस्कों पर किया गया था। इसमें 4% की त्रुटि की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक यह अध्ययन इस बात की झलक है कि आम चीनी नागरिक दुनिया और उसमें अपने देश की भूमिका को कैसे देखते हैं।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 3 September 2025 at 22:12 IST