अपडेटेड 8 January 2024 at 21:20 IST

'किराए पर कोख' के खिलाफ रोम का शंखनाद, पोप फ्रांसिस ने सरोगेसी को क्यों बताया दुनिया के लिए खतरा?

Rome News: 'किराए पर कोख' को रोम के पोप ने बैन कराने का आह्वान किया है। इसे दुनिया के लिए खतरा भी बताया है।

पोप फ्रांसिस ने सरोगेसी को बताया दुनिया के लिए खतरा | Image: AP/Pixabay

Rome News: रोम के पोप फ्रांसिस ने सोमवार, 8 जनवरी को सरोगेट मातृत्व की 'घृणित' प्रथा पर यूनिवर्सल बैन लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने अपने संबोधन में इसे वैश्विक शांति और मानवीय गरिमा के लिए खतरा बताया और इसके व्यवसायीकरण को रोकने के लिए कहा।

स्टोरी की खास बातें

  • 'किराए पर कोख' के खिलाफ रोम का शंखनाद
  • पोप फ्रांसिस ने सरोगेसी को बताया दुनिया के लिए खतरा
  • जानिए पोप फ्रांसिस ने और क्या-क्या कहा है

पोप फ्रांसिस ने सरोगेसी को बताया दुनिया के लिए खतरा

पोप फ्रांसिस ने कहा कि अजन्मे बच्चे के जीवन की रक्षा की जानी चाहिए, न कि उसे दबाया जाए या तस्करी की वस्तु में बदल दिया जाए। उन्होंने कहा कि मैं इस प्रथा को घृणा की नजर से देखता हूं। फ्रांसिस ने पहले कैथोलिक चर्च के विरोध में आवाज उठाई थी जिसे उन्होंने 'किराए के लिए कोख' कहा था। हालांकि, उसी समय वेटिकन के सिद्धांत कार्यालय ने स्पष्ट कर दिया था कि समान-लिंग वाले माता-पिता जो सरोगेसी का सहारा लेते हैं, वे अपने बच्चों को इसाई बना सकते हैं।

यूरोप के कई हिस्सों में बैन है सरोगेसी

अमेरिका में सरोगेसी कॉन्ट्रैक्ट आम है, जिनमें माताओं के लिए सुरक्षा, स्वतंत्र कानूनी प्रतिनिधित्व की गारंटी और चिकित्सा कवरेज शामिल हैं। हालांकि, स्पेन और इटली सहित यूरोप के कुछ हिस्सों में इसे बैन किया गया है। इसी बीच रूस-यूक्रेन युद्ध और सरोगेसी से यूक्रेनी माताओं से पैदा हुए बच्चों पर खतरे ने इस संपन्न उद्योग को उजागर कर दिया।

आपको बता दें कि यूक्रेन उन कुछ देशों में से एक है जो विदेशियों के लिए सरोगेसी की अनुमति देता है। आलोचकों का कहना है कि व्यावसायिक सरोगेसी उन महिलाओं को टारगेट करती है जो गरीब और कमजोर समुदायों से हैं। वहीं, समर्थकों का कहना है कि सरोगेसी महिलाओं को निःसंतान दंपत्तियों को बच्चे प्रदान करने का मौका देती है। इस कारण इस टॉपिक पर हमेशा से मतभेद रहा है। 

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 8 January 2024 at 21:20 IST