अपडेटेड 15 September 2025 at 09:43 IST
नेपाल की अंतरिम सरकार ने किया मंत्रिमंडल का ऐलान, सुशीला कार्की ने इन तीन नामों पर लगाई मुहर; भारत से भी खास नाता
नेपाल की अंतरिम सरकार ने अपने पहले मंत्रिमंडल का ऐलान कर दिया है। अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने तीन प्रमुख चेहरों को अपनी टीम में जगह दी है।
नेपाल की अंतरिम सरकार ने अपने पहले मंत्रिमंडल का ऐलान कर दिया है। अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने तीन प्रमुख चेहरों को अपनी टीम में जगह दी है- कुलमान घीसिंग, रामएशोर खनाल और ओम प्रकाश आर्याल। इन तीनों को कल शपथ दिलाई जाएगी।
दिलचस्प बात यह है कि तीनों का भारत से भी गहरा जुड़ाव रहा है। माना जा रहा है कि कार्की का यह चुनाव राजनीतिक संतुलन और व्यावहारिक सुधारों की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और न्यायिक सुधार के क्षेत्रों में लंबे समय से सक्रिय इन नामों ने यह संकेत दिया है कि नई सरकार अनुभव और कार्यकुशलता पर भरोसा करेगी।
इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ अधिवक्ता सविता भंडारी को देश की पहली महिला अटॉर्नी जनरल नियुक्त कर एक ऐतिहासिक फैसला भी किया। 99 वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी की पुत्री सविता को यह जिम्मेदारी सौंपना नेपाल की न्यायपालिका में महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
कुलमान घीसिंग: ऊर्जा जगत के "पावर हीरो"
कुलमान घीसिंग का नाम नेपाल में ऊर्जा क्षेत्र का पर्याय बन चुका है। नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के कार्यकारी निदेशक रहते हुए उन्होंने देश को लोडशेडिंग जैसी गंभीर समस्या से बाहर निकाला। तकनीकी दक्षता और पारदर्शिता ने उन्हें जनता का नायक बना दिया। जनता उन्हें अब भी ‘पावर हीरो’ कहती है। जमशेदपुर स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले घीसिंग के मंत्री बनने से साफ है कि नई सरकार ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा ध्यान देगी।
रामएशोर खनाल: वित्तीय नीतियों के जानकार
पूर्व वित्त सचिव रहे रामएशोर खनाल कराधान और बजट प्रबंधन के विशेषज्ञ माने जाते हैं। कई बार उन्होंने संकटग्रस्त वित्तीय तंत्र को स्थिर करने में अहम भूमिका निभाई है। पारदर्शी नीतियों और कर सुधारों के कारण उन्हें देश के वित्तीय ढांचे का मजबूत मुकाम दिलाने वाले चेहरे के रूप में जाना जाता है। खनाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नेपाल का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और विदेशी निवेश आकर्षित करने में उनकी निर्णायक भूमिका रही है। नई सरकार में उनकी मौजूदगी इस ओर इशारा करती है कि कार्की वित्तीय स्थिरता और आर्थिक पुनर्निर्माण पर फोकस करना चाहती हैं। भारत के लोगों के साथ उनका दशकों पुराना रिश्ता है।
ओम प्रकाश आर्याल: संविधान और न्याय के पैरोकार
ओम प्रकाश आर्याल लंबे समय से शीर्ष अदालतों में सक्रिय वरिष्ठ अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। वे कई ऐतिहासिक मामलों में कानूनी पैरवी कर चुके हैं और लगातार न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए आवाज उठाते रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने कई जनहित याचिकाएं दायर कर सरकार और संस्थाओं को कटघरे में खड़ा किया। उनकी नियुक्ति से यह साफ है कि कार्की सरकार न्यायिक सुधार और कानून के शासन को अपनी प्राथमिकता में सबसे आगे रख रही है। इनका भारतीय कानूनविदों और सरकारी अफसरों के साथ रिश्ता रहा है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 15 September 2025 at 06:42 IST