अपडेटेड 7 November 2025 at 13:05 IST
नर्स ने जहरीला इंजेक्शन देकर की 10 मरीजों की हत्या, 27 को मारने की कोशिश, नाइट शिफ्ट बनी कारण
जर्मनी के वुर्सेलन अस्पताल में एक मेल नर्स ने रात की ड्यूटी के बोझ से तंग आकर 10 मरीजों को जहरीले इंजेक्शन देकर मार डाला। वह काम आसान बनाने के लिए ऐसा करता था।
जर्मनी के पश्चिमी शहर वुर्सेलन के एक अस्पताल में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। एक मेल नर्स ने रात की शिफ्ट में काम के बढ़ते दबाव से परेशान होकर 10 मरीजों की हत्या कर दी। अदालत ने इस क्रूर अपराध के लिए दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
पुलिस जांच के अनुसार, यह नर्स 2007 में नर्सिंग की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2020 से इस अस्पताल में काम कर रहा था। दिसंबर 2023 से मई 2024 के बीच उसने रात की ड्यूटी और काम के बोझ से परेशान होकर कुल 10 मरीजों को जहरीले इंजेक्शन देकर मार डाला। इन मरीजों में ज्यादातर बुजुर्ग थे, जो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे। इसके अलावा उसने 27 अन्य मरीजों को भी मारने की कोशिश की, लेकिन वे बच गए।
काम का बोझ कम करने को हत्याएं
जांच एजेंसियों ने पाया कि नर्स की कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या अन्य कारण नहीं था। वह सिर्फ अपनी रात की ड्यूटी को आसान बनाने के लिए ऐसा कर रहा था। काम का बोझ और थकान से चिढ़कर वह मरीजों को निशाना बना रहा था, ताकि उसके पास कम जिम्मेदारियां रहें। उसने ज्यादातर बुजुर्ग रोगियों को जहरीला इंजेक्शन लगाकर मौत के घाट उतारा।
जेल में कटेगी पूरी उम्र
आरोपी को 2024 में गिरफ्तार किया गया था। अदालत में चले लंबे मुकदमे के बाद 6 नवंबर, 2025 को सजा सुनाई गई। जज ने फैसले में कहा कि यह अपराध बेहद गंभीर है, इसलिए आरोपी को उम्रकैद की सजा दी जा रही है। जर्मनी में उम्रकैद की सजा के तहत न्यूनतम 15 साल जेल में रहने के बाद ही रिहाई की संभावना होती है, लेकिन इस मामले में रिहाई की उम्मीद बहुत कम है। दोषी नर्स को अपनी सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार है।
अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि नर्स के कार्यकाल के दौरान अन्य संदिग्ध मौतों की भी जांच की जाए। वर्तमान में कुछ शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है, ताकि और संभावित पीड़ितों का पता लगाया जा सके। इससे इस मामले में और आरोप लग सकते हैं।
जर्मनी में नर्सों के अपराधों का काला अध्याय
यह घटना जर्मनी के स्वास्थ्य क्षेत्र में दाग लगाती है, लेकिन जर्मनी में यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। इससे पहले 2019 में नील्स होगेल नाम के एक नर्स को 85 मरीजों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा मिली थी। होगेल ने 1999 से 2005 तक उत्तरी जर्मनी के दो अस्पतालों में हार्ट संबंधी दवाओं के घातक डोज देकर मरीजों की हत्या की थी। उसे जर्मनी का सबसे खतरनाक सीरियल किलर माना जाता है।
इन दोनों अपराधों को अस्पतालों में स्टाफ की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और काम के दबाव से जोड़कर भी देखा जा सकता है। इस तरह की घटनाएं मरीजों के विश्वास को हिलाती हैं, जहां वे इलाज की उम्मीद में जाते हैं, लेकिन मौत का सामना करते हैं। यह मामला न सिर्फ अपराध की क्रूरता को उजागर करता है, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी सवाल खड़े करता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 7 November 2025 at 13:05 IST