अपडेटेड 10 September 2025 at 18:00 IST

Sushila Karki: कौन हैं सुशीला कार्की? जो केपी ओली के इस्तीफे के बाद बनेंगी नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री; कैसे बनी सहमति?

Sushila Karki: नेपाल में अशांति के बीच बड़ा फैसला सामने आया है। बताया जा रहा है कि करीब चार घंटे चली वर्चुअल बैठक में आंदोलनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम नेता स्वीकार कर लिया है।

Sushila Karki | Image: Supreme Court of Nepal website

Sushila Karki: नेपाल में अशांति के बीच बड़ा फैसला सामने आया है। बताया जा रहा है कि करीब चार घंटे चली वर्चुअल बैठक में आंदोलनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम नेता स्वीकार कर लिया है। आपको बता दें कि कार्की को उनकी निष्पक्ष छवि और राजनीतिक दलों से दूरी के कारण चुना गया है।

जेनरेशनर जेड के सदस्यों का कहना था कि वो किसी भी ऐसे व्यक्ति को अपना नेता नहीं चुनेंगे, जो पहले से किसी राजनीतिक दल से जुड़े हों।

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनका जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ था। उन्होंने नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। इससे पहले उन्होंने भारत के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली थी।

सुशीला कार्की ले चुकी हैं कई अहम फैसले

1979 में वकालत शुरू करने के बाद 2007 में कार्की को सीनियर एडवोकेट बनाया गया। 2009 में वो नेपाल सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता न्यायाधीश बनीं और फिर 2010 में उन्हें परमानेंट कर दिया गया। इसके बाद 11 जुलाई 2016 से लेकर 6 जून 2017 तक उन्होंने नेपाल की मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाला। बताया जाता है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कई मुद्दों पर कड़ी कार्रवाई की है।

2017 में लाया गया था महाभियोग प्रस्ताव

साल 2017 में राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगाया और उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया। सुशीला कार्की के पास उस वक्त भी इतना जन समर्थन था कि ये प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। वो अभी तक दो किताबें भी लिख चुकी हैं। इनमें से पहली उनकी आत्मकथा है, जिसका नाम 'न्याय' है और दूसरी 'कारा' है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 10 September 2025 at 17:45 IST