अपडेटेड 5 December 2025 at 14:59 IST
China on Putin Visit: पुतिन के दौरे से अमेरिका में खलबली तो चीन की क्यों खिली बांछें? ड्रैगन बोला- भारत-रूस को झुका नहीं सकते...
Vladimir India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर ग्लोबल मीडिया में हलचल मची हुई है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने उनके दौरे को कवर कर रही है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि ये दोस्ती पश्चिम को संदेश देने वाली है। दोनों देश दबाव के आगे झुकेंगे नहीं।
China on Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे को लेकर ग्लोबल मीडिया में हलचल देखने मिल रही है। उनके इस दौरे को अमेरिका से लेकर यूक्रेन तक की मीडिया प्रमुखता से कवर कर रही है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पुतिन की भारत यात्रा पर कहा है कि ये रूस-भारत की मजबूत रणनीतिक साझेदारी का स्पष्ट संदेश है। दोनों देश पश्चिमी दबाव के आगे झुकेंगे नहीं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर शाम नई दिल्ली पहुंचे हैं, जहां प्रोटोकॉल तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपने खास दोस्त को रिसीव करने के लिए पहुंचे। ये यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का पहला भारत दौरा है। इस लिहाज उनकी यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।
पुतिन के भारत दौरे पर क्या बोला ग्लोबल टाइम्स?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत को कई देशों की मीडिया ने कवर किया। उनकी यात्रा को लेकर चीन के ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि भारत और रूस रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, तकनीक और व्यापार जैसे अहम क्षेत्रों में बड़े समझौतों पर काम कर रहे हैं। पश्चिमी दबाव के बावजूद ये उनकी गहरी साझेदारी को दिखाता है।
'दबाव के आगे नहीं झुकेंगे भारत और रूस'
एक्सपर्ट के हवाले से चीनी अखबार ने लिखा कि भारत और रूस ने साफ संदेश दिया है कि दोनों देश अलग-थलग नहीं किए जा सकते। इसके विपरीत दोनों पक्षों का आपस में बहुत सहयोग और मजबूत पूरकता मिली हुई है। रूस और भारत के खिलाफ अमेरिका और पश्चिम के प्रतिबंध और दबाव के कामयाब होने की उम्मीद कम है।
चीन के विदेश मामलों के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ली हाईडोंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि भारत-रूस के रिश्ते किसी भी बाहरी दबाव को झेलने में सक्षम हैं। दोनों देश अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और रणनीतिक क्षमता को आगे बढ़ाना चाहते हैं। पुतिन की ये यात्रा दुनिया को संदेश देती है कि न तो भारत और न ही रूस, दोनों में से कोई भी अकेला नहीं है। इन दोनों देशों को पश्चिमी प्रतिबंध से झुकाया नहीं जा सकता।
चीनी प्रोफेसर ली के अनुसार दोनों देशों का सहयोग अमेरिका और यूरोप को दिखाता है कि रूस अभी भी एक मजबूत शक्ति है और पश्चिमी प्रतिबंधों की वजह से अपने हितों से पीछे नहीं हटेगा। वहीं, भारत भी अपनी रूस नीति में किसी भी अमेरिकी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है। वो अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर फैसले लेता रहेगा।
गुरुवार शाम दिल्ली पहुंचे राष्ट्रपति पुतिन
पुतिन 4 साल बाद भारत आए हैं। पीएम मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेता एक ही कार में बैठकर पीएम आवास पहुंचे। जब पीएम मोदी SCO समिट में रूस गए थे, तब भी पीएम नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही कार से निकले थे। पीएम आवास पर राष्ट्रपति पुतिन के लिए डिनर का आयोजन किया गया।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने भारत दौरे के दूसरे और अंतिम दिन सबसे पहले राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुतिन का स्वागत किया। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी और पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंध में विस्तृत चर्चा की और आगे की रणनीति पर भी बातचीत हुई।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 5 December 2025 at 14:59 IST