अपडेटेड 14 September 2025 at 23:37 IST

Nepal : Gen Z नेता सुदन गुरुंग की प्रेस वार्ता में जमकर बवाल, पत्रकारों के सवाल पर आपस में भिड़ गए Gen Z

Gen Z नेता से पत्रकारों ने सवाल किया कि आंदोलनकारियों पर अब पुलिस मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर रही है, जिनकी मौत हुई उनके लिए क्या प्लान है? इसका संतोषजनक जवाब न देते हुए Gen Z आपस में ही लड़ने लगे।

Gen Z नेता सुदन गुरुंग की प्रेस वार्ता में जमकर बवाल | Image: Republic

Nepal Gen Z Protest : नेपाल में Gen Z आंदोलनकारियों ने तख्तापलट कर दिया है। इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा बने सामाजिक कार्यकर्ता सुदन गुरुंग ने रविवार को काठमांडू में एक प्रेस वार्ता की, जिसमें पत्रकार उनसे सवाल कर रहे थे, लेकिन यह आयोजन हंगामे और विवादों में बदल गया। सुदन गुरुंग ने आंदोलन के दौरान हुए बलिदानों को भावुक होकर याद किया, लेकिन सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

Gen Z नेता से प्रेस वार्ता में पत्रकारों ने जब सवाल किया कि आंदोलनकारियों पर अब पुलिस मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर रही है, जिनकी मौत हुई उनके लिए क्या प्लान है आपके पास? इस सवाल का संतोषजनक जवाब न देते हुए Gen Z आपस में ही लड़ने लगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी की गई। सुदन गुरुंग की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जमकर हंगामा हुआ, इसका वीडियो भी सामने आया है।

Gen Z आंदोलन में सुदन गुरुंग की भूमिका

नेपाल सरकार ने 4 सितंबर, 2025 को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स (पूर्व ट्विटर) समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन युवाओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना और सड़कों पर उतर आए। इस आंदोलन को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बनाकर सुदन गुरुंग ने नेतृत्व किया। 36 साल के गुरुंग ने 2015 के विनाशकारी भूकंप में अपने बेटे की मौत के बाद 'हामी नेपाल' संगठन की स्थापना की थी। यह संगठन आपदा राहत, सामाजिक सेवा और आपातकालीन सहायता में सक्रिय रहा है। भूकंप के बाद गुरुंग ने बाढ़, भूस्खलन और महामारी के दौरान हजारों परिवारों की मदद की, जिससे वे युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गए।

Gen Z आंदोलन के दौरान नेपाल में राष्ट्रपति आवास, प्रधानमंत्री आवास, संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर हमले किए गए थे। काठमांडू समेत कई शहरों में विरोध हिंसक हुआ, जिसमें 70 से अधिक लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है। सरकार ने गृह मंत्री रमेश लेखक का इस्तीफा स्वीकार किया और सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन युवाओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ। सुदन गुरुंग ने इसे भाई-भतीजावाद और राजनीतिक अभिजात वर्ग के खिलाफ क्रांति के रूप में पेश किया।

शहीद का दर्जा और मुआवजा

रविवार को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आंदोलन में मारे गए सभी युवाओं को सरकारी रूप से शहीद घोषित किया जाएगा। सुशीला कार्की ने 8 सितंबर को हुए राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की सराहना की है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख नेपाली रुपये की सहायता देना का ऐलान किया है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार विरोध प्रदर्शनों में 72 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और 3 पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 14 September 2025 at 23:37 IST