अपडेटेड 13 August 2024 at 17:59 IST
फिर लगानी होगी कोरोना की बूस्टर डोज? 84 देशों में COVID-19 ने पसारे पैर तो दुनिया की बढ़ी टेंशन
Coronavirus: कोरोना ने एक बार फिर पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।
New Delhi: कोरोना ने एक बार फिर पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। इसकी वजह से दुनियाभर में टेंशन का माहौल है। ऐसे में लोगों के बीच सवाल किए जा रहे हैं कि क्या फिर कोरोना की बूस्टर डोज लगाने की जरूरत पड़ सकती है?
इससे पहले WHO ने अपने अर्जेंट अलर्ट में कोविड-19 मामलों की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट में लगातार वृद्धि की जानकारी दी और बीमारी के गंभीर रूपों के बारे में भी चेतावनी दी थी।
डॉक्टरों का क्या कहना है?
दुनियाभर में कोरोना के खतरे को लेकर अमेरिकी मीडिया में भी चर्चा की गई है। इसके मुताबिक, डॉक्टरों का कहना है कि कई लोग रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों ने सिफारिश की है कि 6 महीने या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को उपलब्ध होने पर वैक्सीन का एक बूस्टर शॉट ले लेना चाहिए, जो उन्हें कोरोना से बचाव में सहायता करेगी। ये भी कहा जा रहा है कि जो टीके वर्तमान में उपलब्ध हैं, वे पुराने ओमीक्रॉन वेरिएंट के लिए कारगर थे, जो पिछले सर्दियों में जेएन.1 के फैलने के कारण खत्म हो गए थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों के सहायक प्रोफेसर डॉ. नाथन लो, जिन्होंने कोविड टीकों का अध्ययन किया है, ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि मौजूदा शॉट काम के नहीं हैं। लेकिन जब संभव हो, तो ऐसा टीका लेना सबसे अच्छा है जो फैल रहे वेरिएंट से काफी मेल खाता हो।
WHO ने क्या कहा था?
WHO की डॉ. मारिया वान केरखोव ने जिनेवा में पत्रकारों को बताया, कोविड-19 अभी भी हमारे साथ है। 84 देशों से मिले डेटा से पता चलता है कि SARS-CoV-2 के लिए सकारात्मक परीक्षणों का प्रतिशत पिछले कई हफ्तों से बढ़ रहा है। कुल मिलाकर, टेस्ट पॉजिटिविटी 10 प्रतिशत से ऊपर है, लेकिन यह हर क्षेत्र में अलग-अलग हो सकती है। यूरोप में पॉजिटिविटी प्रतिशत 20 प्रतिशत से ऊपर है।
फॉर्च्यून पत्रिका के अनुसार, इस गर्मी मे यह वायरस दूर-दूर तक फैला है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भी जुलाई में पॉजिटिव पाए गए थे। WHO की प्रेस रिलीज के अनुसार अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संक्रमण की नई लहरें दर्ज की गई हैं। SARS-CoV-2 का प्रसार वर्तमान में बताई जा रही तुलना में से दो से 20 गुना अधिक है। उत्तरी गोलार्ध के गर्मियों के महीनों में इतनी उच्च संक्रमण दर श्वसन वायरस के लिए असामान्य है, जो ज्यादातर ठंडे तापमान में फैलती है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 13 August 2024 at 17:59 IST