अपडेटेड 3 May 2025 at 19:39 IST

Anthony Albanese: जिसने PM मोदी को बताया दुनिया का Boss, ऑस्ट्रेलिया की सत्ता में फिर उसी की वापसी

ऑस्ट्रेलिया के फेडरल चुनाव में एंथनी अल्बनीज को एकबार फिर से जीत मिली। एंथनी दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बने हैं।

एंथनी अल्बनीज फिर बने ऑस्ट्रेलिया के पीएम। | Image: AP

ऑस्ट्रेलिया के फेडरल चुनाव में एंथनी अल्बनीज को एकबार फिर से जीत मिली। एंथनी दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बने हैं। बता दें, ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में बीते 21 साल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई प्रधानमंत्री लगातार दूसरी बार चुनाव जीता हो। लेबर पार्टी ने फेडरल चुनाव में लिबरल पार्टी को शिकस्त दी है।

विपक्षी नेता पीटर डटन ने चुनाव में हार स्वीकार करते हुए कहा, "हमने इस अभियान के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, यह आज रात स्पष्ट है, और मैं इसके लिए पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं। इससे पहले, मैंने प्रधानमंत्री को आज रात उनकी सफलता पर बधाई देने के लिए फोन किया। यह लेबर पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है और हम इसे पहचानते हैं।"

पीएम मोदी ने अल्बनीज को दी बधाई

वहीं इस जीत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एंथनी अल्बनीज को बधाई दी। पीएम मोदी ने लिखा, “एंथनी अल्बनीज को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में आपकी शानदार जीत और पुनः निर्वाचित होने पर बधाई! यह जोरदार जनादेश आपके नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई लोगों के स्थायी विश्वास को दर्शाता है। मैं भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हूं।”

इन मुद्दों पर हुई वोटिंग

चुनाव में अहम मुद्दा बढ़ती हुई महंगाई, मकान की कीमत और किराए, जलवायु परिवर्तन और रियल स्टेट सेक्टर की बढ़ती हुई परेशानी समेत तमाम चीजें इस बार ऑस्ट्रेलिया के फेडरल चुनाव का मुद्दा रहा है। इन सभी मुद्दों के आधार पर ही ऑस्ट्रेलिया में लोगों ने वोटिंग की है।

अबतक 86 सीटों पर लेबर पार्टी की जीत की मुहर

एबीसी के अनुमान के अनुसार, स्थानीय समयानुसार 22:44 बजे तक 49.7 फीसदी वोटों की गिनती हुई। इसमें लेबर पार्टी को 86 सीटों पर जीत मिली है। ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग के अनुमानों के अनुसार 150 सीटों वाले प्रतिनिधि सभा में अल्बानियों की सत्तारूढ़ केंद्र-वाम लेबर पार्टी को 70 सीटें और रूढ़िवादी विपक्षी गठबंधन को 24 सीटें मिलेंगी। निचले सदन में पार्टियों को सरकार बनाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है। गैर-गठबंधन वाली छोटी पार्टियों और स्वतंत्र उम्मीदवारों के 13 सीटें जीतने की संभावना है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 3 May 2025 at 17:50 IST