अपडेटेड 18 May 2025 at 15:06 IST

पाकिस्तान खैर मनाए! बदल जाती तस्वीर, अगर बचाने डोनाल्ड ट्रंप नहीं आते; इस कबूलनामे की गहराई खुद समझिए

पाकिस्तानी पत्रकार मोईद पीरजादा ने खुद माना कि सीजफायर को लेकर भारत में लोगों के अंदर बहुत ज्यादा गुस्सा है। जिस तरह की एयरस्ट्राइक भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस पर कीं, अगर वो और 48 घंटे स्ट्राइक करते रहते तो पाकिस्तान का बड़ा नुकसान होता।

पीएम मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और शाहबाज शरीफ | Image: AP

India-Pakistan: इसमें दोराय नहीं है कि पाकिस्तान अगर अमेरिका के पास नहीं भागता तो भारत उसको तबाह कर देता। कुछ घंटे ही पाकिस्तान भारत के सामने टिक पाया था, वो भी तब जब सीधे जंग के मैदान में दोनों देश नहीं थे। भारत के सटीक हमलों से पाकिस्तान के भीतर तबाही का मंजर था, जबकि उसकी मिसाइलें और ड्रोन हिंदुस्तान की सरहद में आते ही नाकाम कर दिए गए। इससे आगे अगर पाकिस्तान जंग का रुख करता तो निश्चित था कि उसके कई टुकड़े बन गए होते।

पाकिस्तान के पत्रकार भी मानते हैं कि अगर हम आगे भी हमले कर रहे होते तो अगले कुछ घंटों में पाकिस्तान ही ठिकाने लग जाता। एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में पाकिस्तानी पत्रकार मोईद पीरजादा ने खुद माना कि सीजफायर को लेकर भारत में लोगों के अंदर बहुत ज्यादा गुस्सा है। जिस तरह की एयरस्ट्राइक भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस पर कीं, अगर वो और 48 घंटे स्ट्राइक करते रहते तो पाकिस्तान का बड़ा नुकसान होता।

पाकिस्तान में भारी नुकसान हुआ- पत्रकार मोईद

पाकिस्तानी पत्रकार मोईद पीरजादा ने  विश्लेषण में कहा है कि भारत-पाकिस्तान गतिरोध के दौरान पाकिस्तानी मिसाइल हमलों से भारत में कोई नुकसान नहीं हुआ, जबकि भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान में सैन्य ठिकानों पर सटीक निशाना साधा, जिसमें बुलहारी एयरबेस पर एफ-16 हैंगर को नुकसान पहुंचाना भी शामिल है। भारत की ब्रह्मोस मिसाइल का खौफ पाकिस्तानी पत्रकार की जुबान पर भी आया। उन्होंने माना कि ब्रह्मोस मिसाइल से अगर बमबारी होती तो पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा होता।

डोनाल्ड ट्रंप ने हमें बचाया- पाकिस्तानी पत्रकार

पाकिस्तानी पत्रकार ने दावा किया कि अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप ने हमें बचाया। अपने मुल्क को खरी खरी सुनाते हुए मोईद पीरजादा ने कहा कि पाकिस्तान ने युद्ध विराम के लिए न्यूक्लियर ब्लैकमेल का इस्तेमाल किया, लेकिन इसको समझना होगा कि बार-बार हमें अमेरिका नहीं बचाने आएगा और न्यूक्लियर ब्लैकमेल से हमेशा काम नहीं चलेगा। अपनी बातों के रखने के दौरान पाकिस्तानी पत्रकार को उनके मुल्क में आवाज उठाने को लेकर एक डर भी महसूस हुआ।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 18 May 2025 at 15:06 IST