अपडेटेड 21 October 2025 at 22:39 IST
'भारत के खिलाफ एक शब्द नहीं सुनेंगे', PAK के 'बड़बोले' ने खोला मुंह तो तालिबान ने दिया मुंहतोड़ जवाब, प्रॉक्सी वॉर के दावे की खोल दी पोल
मालूम हो कि पाक-अफगान के बीच हालिया झड़पें 9 अक्टूबर को काबुल में हुए धमाकों के बाद शुरू हुईं। तालिबान सरकार ने धमाकों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाब दिया।
अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में काबिज़ तालिबान शासन के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने पाकिस्तान के साथ हालिया सीमा विवाद में भारत को शामिल किए जाने के पाकिस्तान के दावों को "निराधार" और "तर्कहीन" बताते हुए ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने साफ किया है कि अफगानिस्तान की नीति कभी भी अपनी धरती को किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगी।
अफ़ग़ानिस्तान के भारत के साथ संबंध स्वतंत्र
मीडिया से बातचीत में मुजाहिद ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के भारत के साथ संबंध स्वतंत्र हैं और पूरी तरह से अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए हैं। मुजाहिद ने कहा, "ये आरोप निराधार हैं। हमारी नीति में कभी भी हमारी जमीन का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ़ करना शामिल नहीं होगा। हम एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के साथ संबंध बनाए रखते हैं और अपने राष्ट्रीय हितों के दायरे में उन संबंधों को मजबूत करेंगे।"
उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों पर जोर देते हुए कहा, "साथ ही, हम अच्छे पड़ोसी होने के नाते पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को बनाए रखेंगे। हमारा उद्देश्य संबंधों का विस्तार करना है, न कि तनाव पैदा करना। पाकिस्तान के आरोप असंगत, अतार्किक और अस्वीकार्य हैं।"
सीमा पर तनाव और संघर्ष विराम
मालूम हो कि दोनों देशों के बीच हालिया झड़पें 9 अक्टूबर को काबुल में हुए धमाकों के बाद शुरू हुईं। तालिबान सरकार ने धमाकों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी कड़ा जवाब देने की कसम खाई थी।
झड़पों में सैनिक और नागरिक मारे जाने के बाद, दोनों पक्षों ने बुधवार को शुरू में 48 घंटे के संघर्ष विराम की घोषणा की थी। हालांकि, शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना ने अफ़ग़ानिस्तान में फिर से हमले किए।
इस हमले पर पाक ने कहा कि वह उन लोगों को निशाना बना रहा है जिन्हें तालिबान मदद करता है और पाकिस्तान पर हमला करने की इजाजत देता है। बता दें कि पाक के इस दावे को अफगानिस्तान लगातार नकारता रहा है।
तालिबान ने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान भी इस्लामिक स्टेट के 'खुरासान ग्रुप' को मदद कर रहा है। बता दें कि दोनों पक्षों ने रविवार को दूसरे संघर्ष विराम को मंजूरी दी।
क़तर के विदेश मंत्रालय ने दोहा में शांति वार्ता के बाद कहा कि संघर्ष विराम समझौते में "स्थायी शांति को मजबूत करने के लिए एक सिस्टम बनाने" का प्रावधान है।
Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 21 October 2025 at 22:39 IST