अपडेटेड 1 October 2025 at 21:25 IST

PoK में तेज हुए प्रदर्शन, पाक रेंजर्स ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर की सीधी फायरिंग, लोग बोले- अपने मूल अधिकारों के लिए मरने-मारने को तैयार

प्रदर्शनकारी कई जगहों पर नाकेबंदी तोड़कर मुजफ्फराबाद में प्रवेश कर गए हैं। मीरपुर के दुदयाल में एक्शन कमेटी ने कहा है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें नहीं मान लेता, तब तक प्रदर्शनकारियों के शव को दफनाया नहीं जाएगा।

पाक रेंजर्स ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर की सीधी फायरिंग | Image: ANI

PoK protest : पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में इन दिनों बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ये प्रदर्शन जम्मू कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के नेतृत्व में चल रहे हैं, जो सरकार से अपनी 38 मांगों को पूरा करने की अपील कर रहे हैं। PoK के लोगों का कहना है कि वे न्याय और अपने मूल अधिकारों के लिए मरने-मारने को तैयार हैं। PoK के प्रदर्शन बताते हैं कि पाकिस्तान में हुक्मरानों की उलटी गिनती शुरु हो चुकी है। अब शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर कहां मुंह छिपाएंगे, ये देखना बाकी है।

PoJK की राजधानी मुजफ्फराबाद में हिंसक झड़पें हुईं। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की है। खबर के मुताबिक विरोध प्रदर्शनों में पिछले तीन दिनों में आधा दर्जन से अधिक लोग हताहत हुए हैं और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ये प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण थे, जो अब कई जिलों में फैल चुके हैं। दुकानें, कारोबार और परिवहन सेवाएं पूरी तरह बंद हैं, जो इस्लामाबाद की नीतियों के खिलाफ लोगों के मन में गुस्से को दर्शाता है।

क्या हैं मांगें?

ये प्रदर्शन PoJK में लंबे समय से चली आ रही आर्थिक और शासन संबंधी समस्याओं की प्रतिक्रिया हैं, जहां पाकिस्तानी हस्तक्षेप और सैन्यीकरण के आरोप लगते रहे हैं। स्थानीय लोग शांतिपूर्ण प्रतिरोध पर जोर दे रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मांगें जल्द पूरी होंगी। प्रदर्शनों की शुरुआत एक बंद हड़ताल से हुई थी, लेकिन जल्द ही ये हिंसक हो गए, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 22 से अधिक घायल हुए।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में बिजली दरों में कटौती, गेहूं के आटे पर सब्सिडी, सरकारी अधिकारियों की विशेष सुविधाओं को समाप्त करना, PoJK के लोगों के लिए मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, PoJK में आरक्षित सीटों (पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए 12 विधायी सीटें) को खत्म करने की मांग भी की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।

अतिरिक्त पुलिस और रेंजर्स तैनात

ये विरोध प्रदर्शन मुजफ्फराबाद, मीरपुर और कोटली जैसे कई जिलों में फैल चुके हैं। पाकिस्तानी सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस और रेंजर्स तैनात किए हैं, साथ ही इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को निलंबित कर दिया है। फ्लैग मार्च भी किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों का दैनिक जीवन ठप हो गया है। बाजार, दुकानें और व्यापारिक केंद्र बंद होने से क्षेत्र में लगभग 500 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है। छोटे व्यापारियों को महंगाई और बंद के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदर्शनकारी कई जगहों पर नाकेबंदी तोड़कर मुजफ्फराबाद में प्रवेश कर गए हैं। मीरपुर के दुदयाल में एक्शन कमेटी ने कहा है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें नहीं मान लेता, तब तक प्रदर्शनकारियों के शव को दफनाया नहीं जाएगा। मीरपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद सहित पूरे क्षेत्र में बड़ी रैलियों और प्रदर्शनों ने लोगों को संगठित किया है।

ये भी पढ़ें: Rajasthan News : दवा ने किया जहर का काम! राजस्थान में खांसी की सिरप से बच्चे की मौत, डॉक्टर समेत 10 से अधिक बीमार

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 October 2025 at 21:25 IST