अपडेटेड 15 May 2025 at 16:06 IST
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के परमाणु केंद्र को हुआ नुकसान, न्यूक्लियर रेडिएशन की खबरों में कितनी सच्चाई? UN की IAEA टीम ने किया खुलासा
भारत की ओर से पाकिस्तान के किराना हिल्स क्षेत्र में कथित न्यूक्लियर एस्टेब्लिशमेंट पर हमला करने की रिपोर्ट को खारिज करने के कुछ दिनों बाद, अब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान में किसी भी परमाणु संयंत्र से कोई रिसाव नहीं हुआ है।
भारत की ओर से पाकिस्तान के किराना हिल्स क्षेत्र में कथित न्यूक्लियर एस्टेब्लिशमेंट पर हमला करने की रिपोर्ट को खारिज करने के कुछ दिनों बाद, अब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान में किसी भी परमाणु संयंत्र से कोई रिसाव नहीं हुआ है।
IAEA ने समाचार एजेंसी ANI को भेजे गए एक ईमेल बयान में कहा, "IAEA को उपलब्ध जानकारी के आधार पर, पाकिस्तान में किसी भी परमाणु सुविधा से कोई विकिरण रिसाव या उत्सर्जन नहीं हुआ है।" यह प्रतिक्रिया उन मीडिया रिपोर्टों के बाद सामने आई है जिनमें भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया गया था।
हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है- एयर मार्शल ए.के. भारती
IAEA का यह बयान भारतीय एयर मार्शल ए.के. भारती की प्रेस वार्ता के कुछ दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने इन दावों को सिरे से खारिज किया था। एयर मार्शल भारती ने कहा था, "हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं, हमें इसके बारे में पता नहीं था। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, चाहे वहां कुछ भी हो।"
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
बता दें कि कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी रडार सिस्टम, कम्यूनिकेशन सेंटर्स और एयरबेस के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया गया।
10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी, जिसके तहत सीमा पार से हो रही गोलाबारी और ड्रोन हमलों पर विराम लगा दिया गया। इस घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर बनी हुई है, जबकि IAEA की सफाई से यह स्पष्ट हो गया है कि क्षेत्र में परमाणु सुरक्षा से जुड़ी कोई तत्काल चिंता नहीं है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 15 May 2025 at 16:06 IST