अपडेटेड 2 May 2025 at 22:03 IST
दुश्मनी निभाने में डूबा पाकिस्तान तो व्यापार के लिए भारत की ओर हाथ बढ़ा रहा अफगानिस्तान, अफगानी ट्रेडर्स ने मांगा साथ
पाकिस्तान को दुश्मनी निभाने से फुर्सत नहीं मिल रहा है, वहीं अफगानिस्तान भारत की ओर व्यापार के लिए हाथ उठा रहा है।
एक तरफ पाकिस्तान भारत के साथ दुश्मनी निभाने हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान ट्रेड बढ़ाने में लगा है। ईरान एक्सपो 2025 में भाग लेने वाले अफगानिस्तान के व्यापारियों ने अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापार को बढ़ावा देने में रुचि दिखाई है। इसके साथ ही उन्होंने सरकारों से दोनों देशों के व्यापारियों के लिए सुविधाएं बनाने का भी आग्रह किया। पहलगाम हमले के बाद वाघा बॉर्डर बंद होने की वजह से भारत-अफगानिस्तान के व्यापार पर भी इसका असर पड़ा है।
दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों की वर्तमान स्थिति को लेकर एक अफगानी व्यापारी अब्दुलकादिम तैयब ने कहा, "हम अफगानिस्तान से आए हैं। पहले हमारा व्यापार अच्छा था। अब वाघा सीमा बंद है।" तैयब ने दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए चाबहार सीमा की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
व्यापार के लिए चाबहार पोर्ट का हो सकता है इस्तेमाल
उन्होंने कहा, "चाबहार सीमा अफगानिस्तान और भारत के व्यापार के लिए अच्छी है। हम अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापार को बढ़ावा देना चाहते हैं। साथ ही, हम चाहते हैं कि दोनों सरकारें अफगानिस्तान और भारत के व्यापारियों के लिए सुविधाएं बनाएं।"
अटारी वाघा बॉर्डर बंद होने की वजह से जो परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उसे लेकर एक भारतीय व्यापारी ने कहा, "अफगानिस्तान व्यापार के लिए भारत और पाकिस्तान की सीमा बंद कर दी गई है। तोरखम सीमा और चमन सीमा बंद कर दी गई है। इसलिए अब यह अफ़गान व्यापारियों के लिए एक बड़ी समस्या है जो भारत, दुबई और अन्य देशों को सूखे मेवे, जल्दी खराब होने वाले फल और अन्य वस्तुओं का निर्यात करते हैं।"
भारतीय सीमाओं के करीब है चाबहार पोर्ट
उन्होंने कहा, "हम अनुरोध करते हैं कि चाबहार के माध्यम से शिपमेंट के माध्यम से व्यापार को सुगम बनाया जाए, जो काबुल के बहुत निकट है। साथ ही, शिपमेंट चाबहार से भी लिया जा सकता है, जो भारतीय सीमाओं के सबसे नजदीकी बंदरगाह है।" ईरान एक्सपो 2025 में 111 देशों के 3,100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय व्यापारियों ने भाग लिया। इस आयोजन ने गैर-तेल निर्यात को विकसित करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रयासों के बीच असाधारण तालमेल को प्रदर्शित किया।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 2 May 2025 at 22:03 IST