अपडेटेड 7 May 2025 at 00:40 IST
BLA Attacked: बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका, बीएलए के हमले में 14 पाक सैनिक मारे गए
बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दो अलग-अलग हमलों में 14 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है।
BLA Attacks Pakistani Army: बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दो अलग-अलग हमलों में 14 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है। पहला हमला बोलन के माछ में किया गया, जहां BLA के विशेष सामरिक अभियान दस्ते ( STOS) ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर रिमोट-नियंत्रित IED से हमला किया। इस हमले में विशेष अभियान कमांडर तारिक इमरान और सूबेदार उमर फारूक सहित 12 सैनिक मारे गए। दूसरा हमला केच के कुलग तिगरान इलाके में किया गया, जहां BLA ने बम निरोधक दस्ते को निशाना बनाया, जिसमें 2 सैनिकों की मौत हुई।
BLA ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि ये हमले बलूच भूमि पर पाकिस्तानी सेना की कब्जा करने वाली गतिविधियों के खिलाफ हैं। उन्होंने पाकिस्तानी सेना को भाड़े की सेना बताया है, जो विदेशी हितों के लिए काम करती है।
पाकिस्तानी सेना ने सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की
पाकिस्तानी सेना ने इन हमलों की पुष्टि की है और कहा है कि इलाके में तलाशी अभियान जारी है। बलूचिस्तान में कुछ सालों में BLA और बाकी अलगाववादी समूहों की गतिविधियां बढ़ी है, जिससे क्षेत्र की सुरक्षा खतरे में बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BLA खास कर पाकिस्तान के सरकारी प्रतिष्ठानों समेत पाक सेना और चीनी निवेश परियोजनाओं में अड़चन डालता है। इसलिए पाकिस्तान सरकार ने इसे एक आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है।
25 साल पहले बनाई अपनी आर्मी
बलूचिस्तान के लोगों ने खुद को मजबूत करने के लिए करीब 25 साल पहले सन 2000 में अपनी सशस्त्र सेना तैयार की। इसके 6000 हजार से ज्यादा हाईटेक हथियारों से लैस अपने लड़ाके हैं। इसे बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) कहते हैं। यह बलूचिस्तान का सबसे बड़ा आर्म्ड ग्रुप कहा जाता है। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने 2006 से ही उस पर बैन लगा रखा है। मगर BLA लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है।
चीन-पाकिस्तान को क्यों दुश्मन मानता है BLA
पाकिस्तान और चीन ने बीलएल के पास एक बंदरगाह भी बना रखा है। इसका नाम ग्वादर है। यह रणनीतिक लिहाज से पाकिस्तान के लिए अहम बंदरगाह है, जिसका अधिकार इसने चीन को भी दे रखा है। चीन इसी बंदरगाह के माध्यम से बलूचिस्तान की अकूत संपत्तियों को दोहन कर ले जा रहा है। इसलिए बलूचिस्तान अक्सर ग्वादर बंदरगाह पर भी हमले करता रहता है। चीन की तमाम कंपनियां बलूचिस्तान में खनन कर रही हैं। इसके बदले में पाकिस्तान चीन से मोटी रकम लेता है। मगर बलूचिस्तान को फूटी कौड़ी तक नहीं मिलती। ऐसे में बलूचिस्तानी इस बात से खफा हैं कि उनके खनिजों का दोहन कर पाकिस्तान अपनी जेब भर रहा है और चीन भी मालामाल हो रहा है, जबकि इन संपदाओं पर जिन बलूचों का हक है, वह लगातार गरीब होते जा रहे हैं। ऐसे में बलूचिस्तान की दुश्मनी पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ हो गई है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 6 May 2025 at 23:45 IST