अपडेटेड 30 April 2025 at 17:03 IST
Pahalgam: चौतरफा घिरा पाकिस्तान... भारत के एक्शन का सता रहा डर तो बलूच-पश्तून-सिंधी विद्रोही ने कसी कमर, हमले की पूरी तैयारी
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान चौतरफा घिर गया है। एक तरफ पाक को भारत का एक्शन सता रहा है, वहीं दूसरी ओर बलूच-पश्तून-सिंधी विद्रोही ने हमले की तैयारी कर ली है।
पहलगाम में कायरतापूर्ण हमले के बाद पाकिस्तान चौतरफा घिरने की स्थिति में आ गया है। एक तरफ पाक को भारत के एक्शन का डर सता रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ बलूच-पश्तून-सिंधी विद्रोही ने हमला करने के लिए कमर कसकर तैयार हो गया है। जिनेवा प्रेस क्लब में दिए गए एक प्रभावशाली संबोधन में, बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के अध्यक्ष नसीम बलूच ने पश्तूनों से स्वतंत्रता के लिए एकजुट संघर्ष की घोषणा करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की दमनकारी और नरसंहारकारी राज्य मशीनरी के खिलाफ बलूच और सिंधी समुदायों के साथ एकजुटता का आग्रह भी किया।
हालांकि, यह घोषणा 21 मार्च को आयोजित कार्यक्रम में की गई थी। लेकिन, यह ऐसे समय में फिर सामने आई है, जब पाकिस्तान को 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए बर्बर आतंकवादी हमले में अपनी सेना की संलिप्तता के निर्णायक सबूत मिलने के बाद वैश्विक स्तर पर कड़ी आलोचना और निंदा का सामना करना पड़ रहा है।
आतंक के पनाहगार ने खुद कबूल किया अपना गुनाह
पहलगाम में भारत के निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या ने सीमा पार आतंकवाद को वित्तपोषित करने और उसे पनाह देने में इस्लामाबाद की प्रत्यक्ष भूमिका को सबके सामने लाकर रख दिया है। हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस बात को खुद कबूल किया कि पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आतंकवाद को फैलाता रहा है। पाकिस्तानी मंत्री ने अपना मुखौटा खुद ही उतार दिया और स्वीकार किया है कि वे ‘तीन दशकों’ से ‘गंदे काम’ कर रहे हैं।
‘आजादी का समय अब आ गया है’
वहीं दूसरी ओर बलूच नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष ने सामूहिक शक्ति का आह्वान किया, “इंतजार का समय खत्म हो गया। आजादी का समय अब आ गया है।” पश्तून तहफुज़ मूवमेंट (PTM) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नसीम बलूच ने ‘उत्पीड़ित राष्ट्रों’ से एकजुट होने का आग्रह करते हुए कहा, “पश्तून भाइयों, अब और इंतजार मत करो। आजादी के लिए अपने संघर्ष की घोषणा करो। अपने बलूच और सिंधी भाइयों के साथ हाथ मिलाओ, क्योंकि हम अलग-अलग लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, हम एक उत्पीड़क के खिलाफ एक युद्ध लड़ रहे हैं।”
बलूच ने पाकिस्तान के व्यवस्थित उत्पीड़न की निंदा की, जिसमें बलूच, पश्तून और सिंधियों को मारने, अपहरण करने, चुप कराने, बांटने और आर्थिक शोषण की रणनीति के जरिए निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने कभी भी बलूच, पश्तून या सिंधी पर भरोसा नहीं किया है और न ही करेगा," उन्होंने राज्य द्वारा किए गए विश्वासघात और खून-खराबे के दशकों पुराने इतिहास पर प्रकाश डाला।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 30 April 2025 at 16:54 IST