अपडेटेड 12 May 2025 at 12:22 IST
मौलवी नहीं ग्लोबल टेररिस्ट... जिस आतंकी को छिपाने के लिए PAK सेना ने दुनिया के सामने बोला झूठ, ID कार्ड दिखाकर खुद ही खोल दी पोल
जिस ग्लोबल टेरिस्ट हाफिज अब्दुल रऊफ को आम नागरिक और मौलवी बताकर पाकिस्तान सेना बचाने की कोशिश कर रही थी, उसकी असलियत सामने आ गई है।
Pakistan news: पाकिस्तान लाख छिपाने के कोशिश क्यों न कर लें, आतंक के पनाहगार की पोल बार-बार दुनिया के सामने खुलती ही जाती है। हर कोई जानता है कि किस तरह से पाकिस्तान हमेशा से अपने यहां आतंकियों को पनाह देता आया है। एक बार फिर पड़ोसी मुल्क का काला सच सबके सामने आया है। पाकिस्तान की सेना बेनकाब हो गई है।
दरअसल, जिस ग्लोबल टेरिस्ट हाफिज अब्दुल रऊफ को आम नागरिक और मौलवी बताकर पाकिस्तान सेना बचाने की कोशिश कर रही थी, उसकी असलियत अब सामने आ गई है।
आतंकियों के नमाजे में अब्दुर रऊफ ने पढ़ी थी नमाज
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाकर भारतीय सेना ने लश्कर और जैश के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्ताबूत कर दिया। इसमें कई बड़े आतंकी मारे गए। अपना असली चेहरा दिखाते हुए खुद पाकिस्तानी सेना के अफसर आतंकियों के जनाजे पर आंसू बहाने के लिए पहुंचे थे। इतना ही नहीं सेना के साथ जनाजे में आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ भी नजर आया।
पाक सेना ने बताया 'मासूम' और 'मौलवी'
ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों के जनाजे की नमाज पढ़ाने वाले अब्दुर रऊफ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। इस पर पाकिस्तानी सेना ने बीते दिन की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दी और वैश्विक घोषित आतंकी को एक आम आदमी और मौलवी बताकर बचाने की कोशिश की। पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता (DG ISPR) ने दावा किया था कि वायरल तस्वीर में दिख रहा शख्स आतंकी नहीं, बल्कि एक धर्मगुरु है। इस दौरान PC में DG ISPR ने अपने दावे को साबित करने के लिए उसका नेशनल ID कार्ड भी दिखाया, जिसने ही उसकी पोल खोलकर रख दी।
ID कार्ड ने खोल दी पाकिस्तान के झूठ की पोल
दरअसल, जांच में सामने आया है कि आईडी कार्ड में नाम, जन्मतिथि और नेशनल आईडी नंबर दर्ज है, वो बिल्कुल हाफिज अब्दुर रऊफ से मेल खाते हैं। अब्दुर रऊफ अमेरिकी वित्त मंत्रालय (OFAC) द्वारा विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (Specially Designated Global Terrorist) घोषित किया गया है। अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, हाफिज अब्दुल रऊफ लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उसके फ्रंट संगठनों के लिए चंदा इकट्ठा करता रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के DG ISPR ने जो ID कार्ड दिखाया, उस पर लिखा है कि वो वेलफेयर विंग इंचार्ज, पीएमएमएल (PMML) है। वहीं, US डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी के मुताबिक, रऊफ साल 1999 से लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का वरिष्ठ कमांडर है, जो हाफिज सईद के अधीन काम करता है। वह LeT से जुड़े फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के माध्यम से आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और 2008 के मुंबई हमले जैसी साजिशों में शामिल रहा है। FIF का उपयोग करके, रऊफ ने आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए फंड इकट्ठा किया है।
मुंबई हमलों के बाद जब लश्कर पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने लगा, तब रऊफ ने FIF के बैनर तले पाकिस्तान में चंदा इकट्ठा करने का कार्यक्रम आयोजित किया। जानकारी के मुताबिक 2009 में इस कार्यक्रम के जरिए उसने भारी मात्रा में फंड इकट्ठा किया था। रऊफ को साल 2008 में लश्कर का डायरेक्टर ऑफ ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ नियुक्त किया गया था। वहीं, साल 2003 में वो डायरेक्टर ऑफ पब्लिक सर्विस था। अगस्त 2008 में हाफिज सईद के कहने पर उसने पाकिस्तान के बाजौर क्षेत्र में राहत और फंडरेजिंग गतिविधियों की समीक्षा के लिए एक टीम का भी नेतृत्व किया था।
इसी वैश्विक घोषित आतंकी को पाकिस्तान सेना ने एक फैमिली मैन और मौलवी बताया और दुनिया के सामने फिर झूठ बोलने की कोशिश की, लेकिन अनजाने में खुद ही अपनी पोल भी खोलकर रख दी।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 12 May 2025 at 12:19 IST