अपडेटेड 10 December 2025 at 09:44 IST
Rehman Dakait Real Story: काट दी थी अपनी ही मां की गर्दन, कटे सिर के साथ खेलता था फुटबॉल... कौन था पाकिस्तानी गैंगस्टर रहमान डकैत?
आदित्य धर द्वारा निर्देशित फिल्म 'धुरंधर'पर फैंस खूब प्यार लुटाते हुए नजर आ रहे हैं। इस फिल्म का हर किरदार अपने अंदर एक कहानी समेटे हुए है, जो लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा है।
आदित्य धर द्वारा निर्देशित फिल्म 'धुरंधर'पर फैंस खूब प्यार लुटाते हुए नजर आ रहे हैं। इस फिल्म का हर किरदार अपने अंदर एक कहानी समेटे हुए है, जो लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा है।
वहीं, दूसरी ओर इस फिल्म का सबसे चर्चित किरदार पाकिस्तानी गैंगस्टर रहमान डकैत का है, जिसमें अक्षय खन्ना ने जान फूंक दी है। आपको बता दें कि अक्षय खन्ना ने एक सीन में बहरीनी गाने FA9LA पर धमाकेदार एंट्री करके ऐसा तूफान मचाया है कि सोशल मीडिया पर बस उन्हीं की चर्चा हो रही है।
लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या रहमान डकैत इतना ही क्रूर था, जैसा फिल्म में दिखाया गया है? इस आर्टिकल में हम आपको रहमान डकैत की असली कहानी बताने वाले हैं।
कौन था रहमान डकैत?
1979 में एक खतरनाक गैंगस्टर मोहम्मद दादल के घर में रहमान डकैत का जन्म हुआ था। उसका नाम शुरुआत में सरदार अब्दुल रहमान बलूच रखा गया, जिसे बाद में रहमान डकैत के नाम से जाना जाने लगा।
लोकल रिपोर्ट्स के मुताबिक, रहमान डकैत ने 13 साल की उम्र में हत्याएं शुरू कर दी थी। उससे जुड़ी सबसे डरावनी कहानियों में से एक तब हुई जब उसे पता चला कि उसकी मां, खदीजा बीवी का कथित तौर पर इकबाल के साथ अफेयर था। ये वही गैंगस्टर था जिसने रहमान के पिता का मर्डर किया था।
कहा जाता है कि गुस्से में रहमान ने अपनी मां को तीन बार गोली मारी। उनका गला काट दिया और उन्हें चुपके से दफना दिया। वह सिर्फ 15 साल का था। कुछ अन्य रिपोर्ट्स में इस घटना की दूसरा वर्जन भी बताया गया है।
गैंगस्टर कैसे बना रहमान डकैत?
अपने पिता की मौत के बाद गैंग का कंट्रोल रहमान के पास चला गया और उसका असर तेजी से कराची में फैल गया। 1990 के दशक के आखिर में वह हाजी लालू के गैंग में शामिल हो गया, जो ल्यारी में काम करने वाला एक मुख्य क्रिमिनल सिंडिकेट था। जब 2001 में लालू को गिरफ्तार किया गया, तो रहमान को पूरा ऑपरेशन विरासत में मिल गया।
2001 और 2009 के बीच रहमान डकैत पाकिस्तान के सबसे खतरनाक अपराधियों में से एक बन गया था। कहा जाता है कि उसने अपने चचेरे भाई और दूसरे नंबर के कमांडर उजैर बलूच और अपने कुख्यात साथी बाबा लाडला के साथ ल्यारी पर राज किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रहमान के आदेश पर लाडला और उजैर दुश्मनों के कटे हुए सिरों से फुटबॉल खेलते थे। अगस्त 2009 में कराची पुलिस के साथ एक शूटआउट में वह 34 साल की उम्र में मारा गया। उसके बाद उजैर बलूच ने गैंग को संभाल लिया।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 10 December 2025 at 09:44 IST